मुजफ्फरपुर: सिकंदरपुर मन को केंद्रित कर चल रहे स्मार्ट सिटी के सीवरेज एवं ड्रेनेज प्रोजेक्ट की गुणवत्ता कितनी अच्छी है, इसका बड़ा उदाहरण सिकंदरपुर रोड में बालू से लोड ट्रक का धंसना व गली-गली में धूल का उड़ना है.
278.39 करोड़ की लागत से जापान की एक बड़ी कंपनी तोशिबा वाटर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड इस काम को कर रही है. अभी सड़क की बीचों-बीच खुदाई कर सीवरेज की पाइपलाइन बिछायी गयी है. दिसंबर में काम शुरू हुई है.
स्मार्ट सिटी के दूसरे प्रोजेक्ट की तुलना में सीवर लाइन को बिछाने का जो काम है, वह काफी तीव्र गति से है. लेकिन, जिस तरीके से आठ से 12 इंच मोटी सड़क को मशीन से काट पाइपलाइन बिछाने के बाद गिट्टी-बालू व मिट्टी का मिश्रण डालने के बाद मात्र एक से दो इंच मोटी ढलाई कर दी जा रही है. इससे यह तय है कि सड़क ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकती है.
यही कारण है कि बुधवार की सुबह जब सिकंदरपुर इलाके में बालू से लोड ट्रक प्रवेश किया, तब सड़क के बीचों-बीच बिछायी गयी पाइपलाइन के गड्ढे में ट्रक फंस गया. बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. इसमें आसपास के घरों व दुकानों में बैठे कई लोगों की जान जा सकती थी. हालांकि, इसकी जानकारी जैसे ही स्मार्ट सिटी से जुड़े अधिकारियों को हुई. आनन-फानन में फंसे ट्रक को निकालने की कवायद शुरू हो गयी, लेकिन बालू लोड होने के कारण शाम तक ट्रक निकल नहीं सका था.
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प्रभात जर्दा फैक्ट्री रोड का निर्माण पिछले ही वर्ष बुडको के माध्यम से कराया गया था. इसके बाद पिछली बरसात में लोगों को बड़ी राहत मिली थी, लेकिन पाइपलाइन बिछाने के नाम पर मुख्य सहित गलियों की सड़क को बीचों-बीच खोद बर्बाद कर दिया गया. मरम्मत भी हुई, लेकिन गुणवत्ता सही नहीं होने के कारण पूरे सड़क पर बालू उखड़ कर फैल गया है.
मंगलवार को निगम बोर्ड की मीटिंग में इसको लेकर वार्ड नंबर 14 के पार्षद रतन शर्मा ने काफी हंगामा किया. कहा कि जैसे-तैसे सड़क की मरम्मत कर करोड़ों रुपये का बिल एजेंसी स्मार्ट सिटी से ले लिया है. लोगों की शिकायत व समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan