मुजफ्फरपुर में मुशहरी प्रखंड के जलालपुर गांव के रहने वाले लक्ष्मण तिवारी देश प्रेम की एक जीवंत मिसाल हैं. भारतीय सेना से रिटायर्ड सूबेदार मेजर लक्ष्मण तिवारी को कभी ग्रामीणों ने पागल घोषित कर दिया था. लेकिन आज लोग इन्हें टाइगर तिवारी के नाम से जानते हैं, इन्होंने कई युवक और युवतियों को सेना में भर्ती कराने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 2014 में आर्मी से रिटायर होने के बाद टाइगर सर अपने गांव पहुंचे, जहां उन्होंने सैकड़ों युवाओं को सेना में भर्ती होने के ट्रेनिंग दी. जिसमें करीब 155 युवा सफल होकर आज सेना में नौकरी कर रहे हैं.
सेना से रिटायर होने के बाद अपने गांव पहुंचे टाइगर सर ने ग्रामीणों को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की. लेकिन गांव के कई युवकों ने उनकी बातों को सुन कर भी अनसुना कर दिया. कई लोगों ने तो उन्हें पागल भी घोषित कर दिया. लेकिन टाइगर सर ने लोगों की बात पर ध्यान नहीं दिया और धीरे-धीरे युवाओं को समझा कर 2014 में अपने पहले बैच की शुरुआत की.
आठ साल पहले टाइगर सर ने गांव के युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए ट्रेनिंग देना शुरू किया था. सर द्वारा दी गई इस ट्रेनिंग का फायदा गांव के कई परिवारों को हुआ. टाइगर सर द्वारा ट्रेंड किए गए सैकड़ों छात्रों में से अब तक 155 छात्रों का सेना में चयन हो चुका है. इन छात्रों के चयन के बाद ग्रामीणों का टाइगर सर के प्रति नजरिया बदला और उन्हें उनकी बात समझ आई. सेना में नौकरी करने की वजह से कई युवकों के परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ.
Also Read: राजगीर में बनेगी फिल्म सिटी, बांका, कैमूर, नालंदा, वाल्मीकिनगर के खूबसूरत लोकेशन भी होंगे डेवलप
टाइगर सर की ट्रेनिंग ने कई लोगों को नौकरी दी. इस बात को देख कर गांव की लड़कियां भी प्रेरित हुई और टाइगर सर के पास ट्रेनिंग के लिए पहुँच गई. इसके बाद टाइगर सर ने लड़कियों की ट्रेनिंग के लिए विशेष बैच बनाया और उन्हें ट्रेनिंग देना शुरू किया. टाइगर सर की ट्रेनिंग का यह नतीजा निकला की गांव की 20 लड़कियां आज पुलिस में नौकरी कर रही हैं. इन सभी ट्रेनिंग के लिए टाइगर सर किसी से भी किसी तरह का शुल्क नहीं लेते हैं.