Muzaffarpur Swadhar Grih Case: कोर्ट का बड़ा फैसला, ब्रजेश ठाकुर समेत तीन आरोपित बरी
Muzaffarpur Swadhar Grih Case:मुजफ्फरपुर में स्वाधार गृह मामले में विशेष एससी/एसटी कोर्ट ने गुरुवार को ब्रजेश ठाकुर, मधु कुमारी (उर्फ शाइस्ता परवीन) और कृष्णा राम को बरी कर दिया.
Muzaffarpur Swadhar Grih Case:मुजफ्फरपुर में स्वाधार गृह मामले में विशेष एससी/एसटी कोर्ट ने गुरुवार को ब्रजेश ठाकुर, मधु कुमारी (उर्फ शाइस्ता परवीन) और कृष्णा राम को बरी कर दिया. न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपितों के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका, जिसके कारण तीनों को दोषमुक्त कर दिया गया. इस मामले में आठ गवाहों की गवाही दी गई थी, लेकिन पुलिस, सूचक और विशेष लोक अभियोजक आरोपों को साबित नहीं कर सके.
साक्ष्य के अभाव में आरोपितों को बरी किया गया
यह मामला जुलाई 2018 का है, जब बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा द्वारा दायर शिकायत के आधार पर स्वाधार गृह में गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे. आरोप था कि स्वाधार गृह में 11 महिलाएं और उनके चार बच्चे गायब हो गए थे और वहां फर्जी कागजात पर महिलाओं और बच्चों को आवासित करने के नाम पर गबन किया गया था. ब्रजेश ठाकुर, मधु कुमारी और कृष्णा राम पर आरोप था कि उन्होंने इन गतिविधियों को अंजाम दिया. लेकिन, पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण कोर्ट ने आरोपों को खारिज कर दिया.
छह साल बाद अदालत का फैसला
तीनों आरोपित पहले ही तिहाड़ जेल में बालिका गृह कांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. मुजफ्फरपुर में काउंसलिंग के बाद उन्हें भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया था. साक्ष्य की समीक्षा के बाद न्यायाधीश ने तीनों को बरी करने का फैसला सुनाया. इसके बाद, उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा तिहाड़ जेल वापस भेज दिया गया.
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गायब महिलाओं और बच्चों का रहस्य अभी तक बरकरार
यह मामला छह साल पहले दर्ज किया गया था, जब स्वाधार गृह का निरीक्षण करने वाली कमेटी ने मार्च 2018 में वहां अनियमितताएं पाई थीं. पुन: निरीक्षण में स्वाधार गृह में ताला बंद पाया गया और वहां रहने वाली महिलाओं और बच्चों का कोई सुराग नहीं मिला. जांच के दौरान पुलिस इन महिलाओं और बच्चों का सत्यापन नहीं कर पाई, और अब तक यह नहीं पता चल सका कि वे कहां गायब हो गए.