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मुजफ्फरपुर में मधुमेह और उच्च रक्तचाप मरीजों के लिए सदर अस्पताल में बनेगा वार्ड..

मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के किसी भवन में एनसीडी सेल का वार्ड चालू करने की योजना है. इसका निर्देश डीएम सुब्रत कुमार सेन ने सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार को दिया है.

By RajeshKumar Ojha | August 8, 2024 10:49 PM

मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल परिसर में मधुमेह और उच्च रक्तचाप के गंभीर मरीजों के लिए वार्ड बनाया जाएगा. इसके लिए जगह चिह्नित किया जा रहा है. वार्ड बनने तक फिलहाल सदर अस्पताल के किसी भवन में एनसीडी सेल का वार्ड चालू करने की योजना है. इसका निर्देश डीएम सुब्रत कुमार सेन ने सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार को दिया है. इस वार्ड में फिलहाल चार बेड होंगे. यहां गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाएगा. जिल में मधुमेह और उच्च रक्तचाप के बढ़ते मरीजों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.

एनसीडी सेल को जिले में सर्वे कर ऐसे मरीजों की खोज करनी है. इसके लिए पीएचसी स्तर पर शिविर लगा कर लोगों की जांच करनी है और मरीजों की पहचान कर उनका कार्ड बनाना है, उस कार्ड पर हर महीने रक्तचाप और मधुमेह का डाटा रहेगा, मरीज सूबे के किसी जिले में जायेंगे तो उस कार्ड से उन्हें दवाई मिल जाएगी. इसके अलावा ऐसे मरीजों से भी संपर्क करना है, जो एक-दो महीने बाद नियमित इलाज में नहीं है.

आशा के मार्फत ऐसे मरीजों का पता लगाया जाएगा. साथ ही सदर अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों का रक्तचाप और मधुमेह की जांच होगी. इसका डाटा मुख्यालय को भेजा जाएगा. एनसीडी सेल को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल डेढ़ लाख का आवंटन किया है.


सदर अस्पताल की स्क्रीनिंग में मिले कैंसर के 33 मरीज
एनसीडी सेल की ओर से सदर अस्पताल में चलाये जा रहे स्क्रीनिंग में पिछले डेढ़ साल में कैंसर के 53 मरीज मिले हैं, जिसमें ओरल कैंसर के 33, सर्वाइकल कैंसर के 13 और ब्रेस्ट कैंसर के सात मरीजों की पहचान की गयी. एनसीडी सेल अब पीएचसी में भी कैंप लगा कर कैंसर की स्क्रीनिंग करेगा और संदिग्ध रोगियों को होमी भाभा कैंसर अस्पताल रेफर किया जाएगा.

जिले में एनसीडी सेल को और प्रभावी बनाया जा रहा है. मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को कार्ड बना कर उन्हें नियमित इलाज के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. साथ ही दवा नहीं छोड़ने की सलाह भी दी जा रही है. कार्ड पर हर महीने रक्तचाप और मधुमेह का डाटा अंकित होने से इलाज में आसानी हो रही है. बीमारी के आधार पर दवाओं का डोज लिखा जा रहा है. सदर अस्पताल में नयी जगह पर एनसीडी वार्ड बनने से गंभीर रोगियों को भर्ती कर इलाज में सुविधा होगी. डॉ नवीन कुमार, प्रभारी, एनसीडी सेल, सदर अस्पताल

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