यास तूफान ने खोली मुजफ्फरपुर में व्यवस्था की पोल, घर छोड़कर पलायन करने लगे परिवार, तसवीरों में देखें सड़कों की बिगड़ी सेहत

यस के बाद जल्द ही मॉनसून भी दस्तक देने वाला है. गली मोहल्लों के अलावा बाजार की सड़कों की दुर्दशा हल्की सी बारिश में ही दिख जाती है. मुख्यमंत्री ने हाल ही में जिला प्रशासन को क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त करने के निर्देश दिये हैं. महीनों से सड़कों की सेहत पहले से ही खराब है. अब सीएम के निर्देश पर अमल इतनी जल्दी प्रशासन करवा पायेगा. यह देखना होगा. शहर के एंट्री प्वाइंट से लेकर एनएच पर भी बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं, जिनको बारिश से पूर्व दुरुस्त करने की तत्काल जरूरत है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 1, 2021 6:36 AM

यस के बाद जल्द ही मॉनसून भी दस्तक देने वाला है. गली मोहल्लों के अलावा बाजार की सड़कों की दुर्दशा हल्की सी बारिश में ही दिख जाती है. मुख्यमंत्री ने हाल ही में जिला प्रशासन को क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त करने के निर्देश दिये हैं. महीनों से सड़कों की सेहत पहले से ही खराब है. अब सीएम के निर्देश पर अमल इतनी जल्दी प्रशासन करवा पायेगा. यह देखना होगा. शहर के एंट्री प्वाइंट से लेकर एनएच पर भी बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं, जिनको बारिश से पूर्व दुरुस्त करने की तत्काल जरूरत है.

शहर की कई प्रमुख सड़कें टूटी

लगातार तीन दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश व जलजमाव से शहर की कई प्रमुख सड़कें टूट गयी हैं. शहर के साथ इससे सटे पंचायत क्षेत्र व बूढ़ी गंडक नदी के बांध के ऊपर बनी सड़कें भी जर्जर हो गयी हैं. कई बड़े-बड़े खतरनाक गड्डे बन गये हैं. इससे राहगीरों को टूटे सड़कों से गुजरना मुश्किल हो गया है. शहर के साथ-साथ एनएच (फोरलेन) पर भी जगह-जगह गड्डे बन गया है. मुजफ्फरपुर-पटना फोरलेन पर मधौल के समीप तो मिट्टी के कटाव के कारण सड़क कई जगह साइड से धंस गया है. इससे कभी भी बड़े वाहनों के चक्का के दबाव से सड़क दुर्घटना हो सकती है. शहर के मोतीझील ब्रिज पर चढ़ते व उतरने के प्वाइंट पर कई बड़े गड्डे लगभग 15-20 मीटर के दायरे में बन गया है. इसके अलावा जलजमाव के कारण मोतीझील से कल्याणी के बीच भी कई ऐसे छोटे-छोटे खतरनाक गड्डे बन चुका है, जिसमें बाइक व रिक्शा का चक्का पड़ने के बाद सड़क दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है.

बांध रोड : साल भर पहले हुई थी मरम्मत

यह तस्वीर अखाड़ाघाट-बालूघाट-कमरा मोहल्ला स्लुइस गेट बांध रोड की है. अखाड़ाघाट रोड से लेकर लकड़ीढाई तक लगभग ढाई किमी में यह सड़क बनी है, जिसकी स्थिति तस्वीर देखने से पता चल जायेगा. बारिश के बाद बांध के ऊपर बने इस सड़क पर इस तरीके से सैकड़ों गड्डा बन गये हैं, जिनमें कभी भी कोई गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है. इस रोड का जिला योजना विभाग के माध्यम से पिछले वर्ष ही मरम्मत के बाद कालीकरण का कार्य हुआ था.

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मोतीझील ब्रिज : बारिश ने बड़ा किया गड्ढा

यह तस्वीर मोतीझील ब्रिज के चढ़ते व उतरने के प्वाइंट की है. 15-20 मीटर के दायरे में इस तरीके के कई गड्डे बन गये हैं. पहले से ही मोतीझील की सड़क जलजमाव से जर्जर थी. तीन दिनों तक हुई लगातार मूसलधार बारिश व जलजमाव से सड़क की स्थिति और ज्यादा खराब हो गयी है. इसे बनाने की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी कंपनी की है. नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने कहा एक सप्ताह के भीतर शहर की सड़कों पर जहां-जहां गड्डे बन गये हैं. सभी को भरवाने का काम किया जायेगा.

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बेला से तीसरे दिन भी नहीं निकला बारिश का पानी

बेला औद्योगिक इलाके से तीसरे दिन भी पानी निकल पाया. बेला फेज वन में दो फुट पानी लगने से फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर नहीं आये. जिससे फैक्टरियां बंद रही. जलजमाव के कारण सड़कें भी टूट चुकी है, जिसमें रोजाना कई वाहन फंस रहे है. उद्यमी विक्रम कुमार ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में चल रहे 30-32 फैक्ट्रियों में पानी होने से तत्काल उसको बंद कर दिया हैं. अभी दो दिन बारिश हुई है, इसमें इलाके में जलजमाव हो गया. हर साल बरसात में बेला स्थित औद्योगिक क्षेत्र पानी में डूब जाता है, उत्पादन ठप रहता है. इससे बड़ा नुकसान होता है, लेकिन कोई अधिकारी इसका निदान नहीं करा पा रहा है. बेला औद्योगिक क्षेत्र में 400 से अधिक फैक्ट्रियां हैं. बाजार में बिक्री कम होने से उत्पादन पर असर पड़ रहा है. ऊपर से जलजमाव ने उत्पादन भी ठप कर दिया हैं. बियाडा के वरीय अधिकारी को सूचना दी गई तो कहा गया कि मास्टर प्लान पानी निकासी के लिये बनाया जा रहा है.

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मुजफ्फरपुर-पटना फोरलेनसड़क की मिट्टी धंसी

यह तस्वीर मुजफ्फरपुर-पटना फोरलेन की है. आप देख सकते हैं कि किस तरीके से बारिश के पानी का हुए बहाव से सड़क के एक साइड का मिट्टी धंस गया है. सड़क पर भी दरारें आ गयी हैं. किसी भी बड़े भारी वाहनों का चक्का सड़क के धंसे हुए साइड में पड़ने पर कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. इस सड़क को बनाने की जिम्मेदारी एनएचएआइ की है.

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रेलवे कॉलोनी के 50 परिवारों ने छोड़ा घर

ब्रह्मपुरा, लीची बगान, नारायणपुर, इमली कॉलोनी में रहने वाले करीब 50 रेलकर्मी के परिजन ने जलजमाव की वजह से दूसरे जगह अपना डेरा जमा लिया है. दो दिन के बाद भी रूम में घुटने भर पानी की वजह से लोगों का रहना मुश्किल हो गया है. डर के वजह से रेलकर्मचारी के परिवार के लोग अपने रिश्तेदार यहां शिफ्ट हो गये हैं. वहीं कई रेलकर्मी नाइट शिफ्ट के बाद जंक्शन पर ही अपना रात काट लेते हैं. इस संबंध में रेलकर्मचारियों ने संबंधित विभाग को दर्जनों बार लिखित शिकायत दर्ज करायी है. वाबजूद अभी तक कॉलोनी के लोगों को समस्या का समाधान नहीं मिल सका है. नारायणपुर रेलवे कॉलोनी के लोगों का कहना है कि नाला व रोड एक हो गया है. ब्रह्मपुरा कॉलोनी में रहने वाले अमित ने कहा कि मोहल्ले से अधिकांश लोग जा चुके है. घर में चोरी नहीं हो इसके डर से एक दो लोग रह रहे हैं.

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POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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