Muzaffarpur Airport: पताही एयरपोर्ट से फिर उड़ सकेंगी फ्लाइट्स, विस्तार के लिए 473 एकड़ जमीन का एमवीआर होगा तैयार
Muzaffarpur Airport: मुजफ्फरपुर के पताही एयरपोर्ट के रनवे विस्तार को लेकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. कुल 473 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है, जिसके लिए अब एमवीआर तैयार किया जाएगा.
Muzaffarpur Airport: मुजफ्फरपुर के पताही एयरपोर्ट से एक बार फिर से हवाई सेवा शुरू हो सकती है. इस एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. मड़वन और मुशहरी अंचलाधिकारी की संयुक्त सर्वे रिपोर्ट देने के बाद अब अधिग्रहित होने वाली करीब 473 एकड़ जमीन का एमवीआर (न्यूनतम मूल्य दर) निर्धारित किया जाएगा.
एमवीआर के आधार पर तय होगा एस्टिमेट
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने पांच मौजा की विस्तृत रिपोर्ट अंचलाधिकारियों को भेजकर दर निर्धारण करने को कहा है. इसके आधार पर जिला भू-अर्जन कार्यालय द्वारा भू-अर्जन पर खर्च होने वाली अनुमानित राशि का एस्टिमेट तैयार किया जाएगा. इसके बाद इसे विमान संगठन निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय, पटना के प्रशासी पदाधिकारी को भेजा जाएगा.
विस्तार के लिए बताई गई थी 475 एकड़ जमीन की जरूरत
पताही एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने 475 एकड़ जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता जताई थी. इसके लिए पटना के माध्यम से अधियाचना भी भेजी गई थी. इसके आधार पर तीन सीओ और राजस्व कर्मियों ने संयुक्त सर्वेक्षण किया. इस दौरान पांच मौजा में 473 एकड़ जमीन अधिग्रहण से संबंधित रिपोर्ट दी गई. इसमें मड़वन प्रखंड के नवादा में 147.3, पकाही खास में 164.61, बहोरा में 90.96, शुभंकरपुर में 57.50 और मुशहरी प्रखंड अंतर्गत मेथरापुर में 13 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा.
लंबे समय से हो रही थी एयरपोर्ट की मांग
इस एयरपोर्ट की मांग लंबे समय से हो रही है. हर चुनाव में यहां के निवासी इस मुद्दे को जरूर उठाते हैं. हर उम्मीदवार इसे लेकर बड़े-बड़े वादे और दावे करता रहा है. पीएम मोदी भी दो बार चुनावी रैलियों में मुजफ्फरपुर से हवाई सेवा शुरू करने की बात कह चुके हैं.
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2018 में उड़ान योजना से जुड़ा एयरपोर्ट
पताही एयरपोर्ट से 1967 से 1982 तक पटना के लिए नियमित उड़ान होती थी. इसके बाद यहां सेवा बंद कर दी गई. 2018 में इस एयरपोर्ट को उड़ान योजना में जोड़ा गया, ताकि लोगों को दूसरे शहरों से जोड़ा जा सके. राइट्स के प्रतिनिधियों ने सर्वे कर रिपोर्ट सौंपी. इसके बाद इस एयरपोर्ट को फिर से स्थापित करने की कवायद शुरू हुई.