प्रकृति गर्भधारण करने वाली माता व बीज परमात्मा : कंचन बहन
प्रकृति गर्भधारण करने वाली माता व बीज परमात्मा : कंचन बहन
-ओरिएंट क्लब में हो रहा है गीता ज्ञान प्रवचन-भक्तों ने जाना प्रकृति व परमात्मा का समन्वय
मुजफ्फरपुर
. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा ओरिएंट क्लब में द्वादश ज्योतिर्लिंग दर्शन मेला सह गीता ज्ञान प्रवचनमाला का आयोजन किया जा रहा है. इसमें सातवें दिन शनिवार को ब्रह्माकुमारी कंचन बहन ने बताया कि परमात्मा जो मनुष्य सृष्टि रूपी वृक्ष का बीज है, मूल है ; वह परमधाम में निवास करता है. परमधाम में सृष्टि के होने का संकल्प जब स्फुटित करते हैं तो उस संकल्प रूपी बीज को प्रकृति मां के रूप में गर्भ धारण करती है. प्रकृति गर्भ धारण करने वाली माता है और परमात्मा बीज रूप में पिता है. मनुष्य जिस प्रकार का अन्न खाता है, उसी प्रकार की प्रकृति का शरीर गर्भ में निर्मित होता है. अगर आप तामसिक भोजन खा रहे हैं और आप चाहेंगे कि आपके घर में सात्विक विचार वाला बच्चा हो, तो यह संभव नहीं है. इसलिए भगवान तीन प्रकार के त्याग, तीन प्रकार के तप, तीन प्रकार की साधना, तीन प्रकार के यज्ञ, तीन प्रकार के भोजन, तीन प्रकार की प्राप्तियां बतायी हैं. इससे पूर्व सुबह में राजयोग मेडिटेशन किया गया. मौके पर पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता, पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, डॉ अरुण शाह, डॉ प्रो बीके राय, डॉ प्रो पल्लवी राय, डॉ अशोक शर्मा, सुधीर सिन्हा, रूपा सिन्हा, रंजीत श्रीवास्तव, सुजाता श्रीवास्तव, परमानंद सिंह, अनीता, मीना, डॉ संजय पंकज, राधेश्याम चौधरी, एचएल गुप्ता, राजकपूर, केके प्रसाद, त्रिलोकी वर्मा, प्रफुल्ल, डॉ फनीश चंद्र, महेश व भास्कर मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है