एक से दूसरे विभाग घूमती रही, रात में गर्भवती को नहीं मिले डॉक्टर
दर अस्पताल के एमसीएच और इमरजेंसी में रात में डॉक्टर नहीं रहते हैं. मरीज इलाज के लिए डॉक्टर का घंटों इंतजार करते हैं और बिना इलाज के ही वापस चले जाते हैं.
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के एमसीएच और इमरजेंसी में रात में डॉक्टर नहीं रहते हैं. मरीज इलाज के लिए डॉक्टर का घंटों इंतजार करते हैं और बिना इलाज के ही वापस चले जाते हैं. बुधवार की सुबह इलाज नहीं होने पर मरीज के परिजनों ने उपाधीक्षक डॉ एनके चौधरी के पास से शिकायत की. परिजनों का कहना था कि उनकी मरीज साता देवी जो गर्भवती है, उसे रात में इलाज कराने के लिए आये थे. लेकिन एमसीएच में एक भी डॉक्टर नहीं था. पेट में अधिक दर्द होने पर जब मरीज को इमरजेंसी में ले आये तो वहां भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे. इसके बाद परिजन निजी डॉक्टर के यहां इलाज कराने ले गये. आमगोला से आए साकेत कुमार ने उपाधीक्षक से कहा कि उसकी पत्नी साता का इलाज एमसीएच में ही चल रहा है. वह सात माह की गर्भवती है. रात को पेट में दर्द होने लगा. इसपर एमसीएच से इमरजेंसी तक डॉक्टर नहीं थे. इधर, सदर अस्पताल के एमसीएच में कहने काे ताे 12 महिला डॉक्टर हैं. लेकिन इसमें से अधिकांश हमेशा फरार ही रहती हैं. बार-बार मरीज व उनके परिजन अधीक्षक, सिविल सर्जन काे फाेन कर महिला डॉक्टर के अनुपस्थित रहने की शिकायत करते हैं. खासकर रात में डॉक्टर के गायब रहने से मरीज काे निजी अस्पताल में जाना पड़ता है. लगातार शिकायत मिलने के बाद अधीक्षक डाॅ बीएस झा ने सात महिला डॉक्टराें का वेतन राेक दिया था.
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