मुजफ्फरपुर. सदर अस्पताल के दवा भंडार में लगी आग के कारणों की जांच तीन सदस्यीय टीम ने पूरी कर ली है. इसमें सामने आया है कि भंडार में जो आग लगी थी, उसमें दवाओं का नुकसान नहीं हुआ है. आग दवा के कार्टन में लगी थी. जब तक यह दूर तलक जाती तब तक आग पर काबू पा लिया गया. ऐसे में दवाओं की क्षति नहीं हुई हैं. टीम ने अपनी जांच में कहा है कि एसी के शॉर्ट शर्किट से आग लगी थी. बता दें कि अधीक्षक बाबू साहब झा ने जांच करने के लिए टीम गठित की थी. टीम में उपाधीक्षक डॉ एनके चौधरी, अस्पताल प्रबंधक प्रवीण कुमार, डॉ रंजन व अकाउंटेंट केके पाठक थे. जांच टीम का नेतृत्व उपाधीक्षक डॉ एनके चौधरी कर रहे हैं. आग लगती तो करोड़ों का होता नुकसान सदर अस्पताल के दवा भंडार में लगी आग अगर फैल जाती तो करोड़ों की दवाएं जल कर राख हो जातीं. दवा भंडार में सदर अस्पताल में सप्लाई की जाने वाली दवाओं का स्टॉक व एंटी रैबीज की सूई रहती है. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दवा भंडार में जो बिजली की वायरिंग की गयी है, उसे भी दुरुस्त करने की जरूरत है. कई जगहों पर वायरिंग ठीक नहीं है. इसी कमजोर वायरिंग की वजह से एसी में आग लग गयी थी.
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