Bihar Weather : उत्तर बिहार में लोगों को सताएगी भीषण गर्मी, दो डिग्री और बढ़ेगा तापमान
बिहार में भीषण गर्मी लोगों को झुलसा रही है. दक्षिण बिहार में तो तापमान 40 डिग्री के पार जा चुका है. लेकिन उत्तर बिहार में औसतन तापमान 39 डिग्री रह रहा है. अब उत्तर बिहार में तापमान में बढ़ोतरी का पूर्वानुमान है
Bihar Weather : दक्षिण बिहार के कई जिलों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है. उत्तर बिहार का तापमान 39 के करीब है. दक्षिण बिहार के मुकाबले उत्तर बिहार के जिले भले तक कम रहे हैं लेकिन लेकिन उच्च तापमान में स्थिरता और धूल ने लोगों का जीना कठिन कर दिया है. घर से बाहर निकलने पर शरीर झुलस सा जा रहा है.
मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, और समस्तीपुर में दिन और रात गर्म रह रहे हैं. इन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खराब’ श्रेणी में होने के कारण लोगों को सांस लेने में असुविधा हो रही है.
मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी की बात करें तो शनिवार शाम छह बजे बुद्धा कॉलोनी और कलेक्ट्रेट क्षेत्र को छोड़कर अन्य इलाके यहां से चार से पांच डिग्री अधिक गर्म रहे. कलेक्ट्रेट क्षेत्र का तापमान 30.5 डिग्री था जबकि नगर निगम इलाके का 35.2 तथा एमआइटी क्षेत्र का तापमान 34.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. मोतिहारी में 26 अप्रैल तक दिन का तापमान दो डिग्री बढ़ने की भविष्यवाणी की गई है. कमोबेश यही स्थिति अन्य जिलों की है.
मुजफ्फरपुर में शनिवार शाम पांच तक पारा 37.40 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था. जबकि 1981 से साल 2010 के बीच अप्रैल में पारा 35.3 डिग्री से ऊपर नहीं गया था. आइएमडी के आंकड़े यह भी बताते हैं कि 2011 से 2020 के बीच मात्र अप्रैल के 9 दिन ऐसे आए जिसमें पारा 37 डिग्री या उससे अधिक रहा था.
आल टाइम रिकार्ड की बात करें तो 1908 का अप्रैल में अब तक का सबसे गर्म दिन रहा है. उस दिन तापमान था 42.2 डिग्री. रविवार को कई उत्तर बिहार के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 42-44 डिग्री सेल्सियस तक रहने की आशंका प्रकट की गई है. 21 तारीख को कुछ हिस्सों में लू की स्थिति बनी रहने की संभावना है.
श्रमिक- गर्भवती महिलाओं को विशेष एहतियात की सलाह
उत्तर बिहार अप्रैल-जून की अवधि में अत्यधिक गर्मी का सामना कर रहा है. तापमान पहले से बढ़ना शुरू हो गया है. ऐसे में शोधकर्ताओं ने खेती, निर्माण और अन्य क्षेत्रों में खुले इलाके में काम करने वाले श्रमिकों पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में आगाह किया है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मैदानी इलाकों के अधिकांश हिस्सों में गर्मी सामान्य से अधिक दिन जारी रहने का अनुमान है. प्रतिकूल मौसमी चेतावनी के बाद, शोधकर्ता बाहर काम करने के नए तरीकों की वकालत कर रहे हैं. तमिलनाडु में अक्टूबर 2023 में रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी. उसमें पाया गया कि अत्यधिक गर्मी में काम करने से गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा दोगुना से अधिक हो जाता है. गर्मी आम तौर पर प्रतिकूल गर्भावस्था और प्रसव जोखिम को बढ़ाती है. गर्मी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल रही है.
मनुष्य को चिड़चिड़ा बना रही गर्मी : डॉ लक्ष्मी रानी
एमएसकेबी कॉलेज मुजफ्फरपुर में मनोविज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ लक्ष्मी रानी का कहना है कि गर्मी आम तौर पर शरीर पर ही प्रतिकूल असर नहीं डालती, वह मानसिक जोखिम को भी बढ़ाती है.’ गर्मी के कारण गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है. इससे पारिवारिक और सामाजिक जीवन पर असर पड़ता है. एक स्टडी बताती है कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है कॉर्टिसोल जिसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहते हैं, उसका स्तर बढ़ने लगता है. इससे मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है.
गर्मी से बचाव को लेकर एसओपी बनायी गयी है. सभी जिला उसी के अनुसार अपनी- अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं.
गोपाल मीणा, प्रमंडलीय आयुक्त, मुजफ्फरपुर
गर्मी को देखते हुए सभी जिलों को दिशा निर्देश दिए गए हैं. मनरेगा मजदूरों से कार्य कराने के दौरान क्या इंतजाम रखने हैं इसकी एसओपी इस संबंध में पत्र जारी किया गया है.
संजय कुमार, मनरेगा कमिश्नर, बिहार