दहेज में 15 लाख नहीं दिया तो विवाहिता को जहर देकर हाथ का नस काटा

स्कॉर्पियो खरीदने के लिए दहेज में 15 लाख रुपये नहीं देने पर विवाहिता जरनैन प्रवीण को पहले जहर पिलाया गया, फिर हाथ की नस काट दी गयी. जिंदगी और मौत के बीच एक माह तक जूझने के बाद उसकी पटना के एक निजी क्लिनिक में मौत हो गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 6, 2024 8:32 PM

मुजफ्फरपुर. स्कॉर्पियो खरीदने के लिए दहेज में 15 लाख रुपये नहीं देने पर विवाहिता जरनैन प्रवीण को पहले जहर पिलाया गया, फिर हाथ की नस काट दी गयी. जिंदगी और मौत के बीच एक माह तक जूझने के बाद उसकी पटना के एक निजी क्लिनिक में मौत हो गयी.

घटना को लेकर पश्चिम बंगाल के कोलकाता के आइसी ब्लॉक 325, साल्ट लेक सेक्टर तीन के रहने वाले मृतका के पिता खुर्शीद आलम ने काजीमोहम्मदपुर थाने में दहेज के लिए बेटी की हत्या करने का आरोप लगाकर शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें माड़ीपुर बक्सी कॉलोनी के रहने वाले मृतका के पति मो. सोहराब, ससुर मो. गुलाब समेत ससुराल पक्ष के पांच लोगों को नामजद आरोपी बनाया है. पुलिस दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामले की छानबीन में जुट गयी है.

काजीमोहम्मदपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज

थाने में दर्ज प्राथमिकी में कोलकाता के रहने वाले खुर्शीद आलम ने बताया है कि उनका ससुराल सदर थाना क्षेत्र के भगवानपुर में है. वह अपनी बेटी जरनैन प्रवीण की शादी 12 मई 2023 को माड़ीपुर बक्सी कॉलोनी निवासी मो. सोहराब से हुई थी. बेटी की शादी में वह 35 लाख रुपये खर्च किया था. बेटी की विदाई के समय उसका दामाद व पिता कहने लगे कि आपने जो बुलेट खरीदने के लिए ढाई लाख रुपये दिये थे.

उसका वह स्कॉर्पियो खरीद लिया है. 15 लाख रुपये बचा हुआ है वह नकद दे दीजिए. वह रुपये देने में असमर्थता जाहिर की तो वे लोग लड़की विदा कराने से इनकार करने लगे. फिर, रिश्तेदारों की मध्यस्थता से उसकी बेटी विदा हुई. ससुराल में उसको एसी व चेन के लिए ताना मिलने लगा. फिर, वह किसी तरह से उनको दिया. कुछ दिन बाद दहेज में 15 लाख रुपये का डिमांड करने लगा.

बाथरूम जाने के दौरान कुंडी बंद कर देता था. बीते 21 अक्टूबर को आरोपियों ने उसकी बेटी ने मोबाइल पर बताया कि सभी आरोपी हत्या की साजिश रच रहे हैं. इसके बाद मोबाइल कट गया. जब वह कोलकाता से मुजफ्फरपुर पहुंचा तो बेटी एक हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर एडमिट थी. उसको पहले जहर पिलाया गया, फिर हाथ की नस काट दी गयी. हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए फंदे से लटका दिया गया था. बेटी को पटना रेफर कर दिया गया. एक माह तक इलाजरत रहने के बाद 27 नवंबर को उसकी मौत हो गयी.

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