अब किराए पर नहीं चलेंगे, सिंचाई विभाग के ऑफिस व लैब होंगे शिफ्ट
अब किराए पर नहीं चलेंगे, सिंचाई विभाग के ऑफिस व लैब होंगे शिफ्ट
-मुख्यालय का आदेश, जल संसाधन विभाग की बिल्डिंग में होंगे शिफ्ट -अधिकारी, कर्मी की सुविधा व रखरखाव को लेकर एसओपी बना मुजफ्फरपुर. ऑफिस की कार्य संस्कृति में सुधार व व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए अब जल संसाधन विभाग ने भी एसओपी तैयार किया है. विभाग ने यह फैसला पदाधिकारी व कर्मियों की दक्षता के साथ महिला कर्मियों की सुविधा बढ़ाने को लेकर लिया है. इसके लिए अलग से बजट की भी स्वीकृति मिली है. विभाग ने सिंचाई सृजन व बाढ़ नियंत्रण को लेकर अलग-अलग गाइडलाइन जारी किया है. एसओपी के अनुसार, सिंचाई सृजन से जुड़े ऐसे सभी कार्यालय, गोदाम, प्रयोगशाला आदि को चिह्नित करने को कहा गया है, जो किराये के भवन में संचालित हो रहा है. किराये के भवन से ऑफिस को हटा जल संसाधन विभाग के भवन में शिफ्ट करने को कहा गया है. वहीं, जल संसाधन विभाग के भवन में जो पहले से ऑफिस संचालित है, उन ऑफिस को उपयोग कर्ता कार्यालय को हस्तांतरित करने को कहा गया है. ताकि, उक्त ऑफिस बिल्डिंग का रखरखाव आदि सही तरीके से उपयोग करने वाले विभाग अपने आंतरिक स्रोत से करा सके. शौचालय से लेकर प्रतीक्षालय तक की होगी व्यवस्था विभाग ने ऑफिस बिल्डिंग में न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर एक मानक तय कर दिया है. यही नहीं, जहां कहीं नये भवन के निर्माण की आवश्यकता होगी, उसका निर्माण होगा. जारी एसओपी के अनुसार, मुख्य अभियंता स्तर के ऑफिस में प्रतीक्षालय, सभागार, मीटिंग रूम, लिपिकीय कक्ष, भंडार कक्ष, पाक कक्ष, महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय सहित 14 बिंदुओं पर सुविधा बहाल करना है. हर तीन साल पर भवनों की रंगाई-पुताई का आदेश विभागीय संयुक्त सचिव (अभियंत्रण) संजीव शैलेश ने पत्र जारी कर कहा है कि प्रत्येक तीन सालों पर कार्यालय भवनों की रंगाई-पुताई का कार्य होंगे. पहले वर्ष में चीफ इंजीनियर और अधीक्षक अभियंता के प्रधानता वाले भवनों की प्राथमिकता के आधार पर मेंटेनेंस का कार्य होगा. दूसरे वर्ष में कार्यपालक अभियंता के प्रधानता वाले ऑफिस, प्रयोगशाला और कार्यशाला का मेंटेनेंस कराया जायेगा. तीसरे वर्ष में सहायक व कनीय अभियंता के कार्यालय का कार्य होगा.