मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में रविवार को मरीज को सांस लेने में परेशानी होने पर नर्स ने ऑक्सीजन का खाली सिलिंडर लगा दिया. इसके 15 मिनट बाद तक मरीज ऑक्सीजन के अभाव में तड़पता रहा, लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली. इसके बाद मरीज की मौत हो गयी. परिजन मरीज को शांत देख उसे एंबुलेंस से निजी अस्पताल गये, लेकिन वहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन गांव के लोगों के साथ शव को लेकर एसकेएमसीएच पहुंचे और हंगामा किया. करीब तीन घंटे तक एसकेएमसीएच में अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही. इस दौरान स्वास्थ्य प्रबंधक से परिजनों की झड़प और धक्का-मुक्की भी हुई. एसकेएमसीएच के अधीक्षक से परिजन ने फोन से बात की, तो उन्होंने जांच का आश्वासन दिया. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
साहेबगंज के नवादा गांव निवासी 22 वर्षीय जितेंद्र कुमार आग से झुलसने के कारण 17 फरवरी को एसकेएमसीएच के बर्न वार्ड में भर्ती किये गये थे. रविवार को उन्होंने पेट में गैस की शिकायत की. डॉक्टर ने एक्सरे और ब्लड टेस्ट के लिए लिखा. परिजनों ने मरीज का एक्सरे और ब्लड टेस्ट कराया. लैब से निकलने के बाद मरीज ने सांस लेने में परेशानी की बात कही. परिजन उन्हें लेकर वापस बर्न वार्ड आये.
मरीज के पिता राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि बर्न वार्ड में वापस लाने के बाद जब नर्स से सांस लेने में परेशानी की बात बतायी, तो उसने कहा कि डॉक्टर ने ऑक्सीजन के लिए नहीं लिखा है. पहले आप डॉक्टर से लिखवा कर लाइए. हम लोगों ने नर्स से अनुरोध किया कि हम डॉक्टर से लिखवा कर लाते हैं. आप ऑक्सीजन सिलिंडर लगा दें, काफी विनती के बाद नर्स ने ऑक्सीजन सिलिंडर लगाया. जब हम लोग डॉक्टर से लिखवा कर वापस आये तो मरीज शांत था. ऑक्सीजन निकाल कर देखा तो सिलिंडर खाली था. फिर हम लोग मरीज को लेकर निजी अस्पताल भागे. शव के साथ जब वापस बर्न वार्ड आये तो नर्स नहीं मिली.
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एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ बीएस झा ने कहा कि परिजन लिखित शिकायत देंगे, तो इस मामले की जांच की जायेगी. लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जा सकती. जो भी दोषी होगा, उसे सजा मिलेगी.