आग लगानेवाले बुजुर्ग की हालत नाजुक, कांटी पुलिस खूंटा गाड़कर बोली- हो गया कब्जा
आग लगानेवाले बुजुर्ग की हालत नाजुक, कांटी पुलिस खूंटा गाड़कर बोली- हो गया कब्जा
-बेटे ने डीएम से इंसाफ की गुहार लगायी, एसकेएमसीएच के आइसीयू वार्ड में चल रहा है बुजुर्ग का इलाज -नगर थाने में अब तक मजिस्ट्रेट ने नहीं दिया लिखित आवेदन मुजफ्फरपुर. समाहरणालय परिसर में खुद पर पेट्रोल छिड़क आग लगानेवाले कांटी कस्बा के रहनेवाले बुजुर्ग बिंदा लाल गुप्ता (72) की हालत गंभीर बनी हुई है. उनका एसकेएमसीएच के आइसीयू वार्ड में इलाज चल रहा है. उनके पुत्र मुन्ना गुप्ता को बस एक ही चिंता सता रही है कि पिता ठीक रहें. नहीं तो अब इस दुनिया से वे भी यदि चले गये तो उसको भी इंसाफ नहीं मिलेगा. मुन्ना शनिवार को अपने पिता का बयान दर्ज कराने के लिए पहले एसकेएमसीएच ओपी गए. वहां से बोला गया कि कांटी थाने में जाकर आवेदन दीजिए. इसके बाद वह नगर थाने में कहां प्राथमिकी दर्ज कराये, इसकी जानकारी लेने पहुंचे. वहां, अपर थानेदार राजकुमार ने बताया कि मामला कांटी थाना क्षेत्र का है, उस थाने में प्राथमिकी दर्ज करायें. वहीं, समाहरणालय परिसर में जो आत्मदाह की कोशिश की गयी है. इसको लेकर मजिस्ट्रेट की ओर से लिखित शिकायत नगर थाने में आयेगी. इस पर प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी. इसके बाद मुन्ना जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन से मुलाकात करने के लिए समाहरणालय पहुंचा. जिलाधिकारी के विभागीय कार्य से कार्यालय से बाहर होने के कारण मुन्ना की उनसे मुलाकात नहीं हो पायी है. उसने पारगमन शाखा में जिलाधिकारी के नाम से एक ज्ञापन सौंपा है. इसमें बताया है कि उसके पिताजी बिंदा लाल गुप्ता ने शुक्रवार को समाहरणालय परिसर में अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया था. मामला पूर्व से चलता आ रहा है. उसके पड़ोस के कुछ लोग उसकी जमीन पर जबरन कब्जा किये हुए हैं. जमीन नहीं मिलने से इंसाफ नहीं हो पा रहा है. मुन्ना ने जिलाधिकारी से आग्रह किया है कि इस पूरे मामले की जांच करवा करवाकर उसे इंसाफ दिलाया जाए. इधर, नगर थाने अपर थानेदार राज कुमार ने बताया कि घटना को लेकर मजिस्ट्रेट की ओर से शनिवार देर शाम तक थाने में लिखित शिकायत नहीं की गयी है. उनकी शिकायत आते ही मामले में प्राथमिकी दर्ज करके आगे की कार्रवाई की जाएगी. पिता ने इंसाफ के लिए संघर्ष किया, पूर्व के सीओ पर पांच हजार लगा था जुर्माना मुन्ना ने कहा कि उसकी जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया. इसके बाद से पिता बिंदा लाल गुप्ता इंसाफ के लिए लड़ रहे हैं. कई बार उसको एसडीओ पश्चिमी के यहां से जमीन पर कब्जा दिलाने को लेकर आदेश भी हुआ. एक बार काफी फोर्स के साथ कांटी थाने की पुलिस जाकर उसकी जमीन पर खूंटा गाड़कर कब्जा भी दिलाया. लेकिन, पुलिस के जाते ही आरोपी खूंटा उखाड़ कर उसका कब्जा हटा दिये. विरोध करने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी. इसके बाद भी उसके पिता कई अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काटते रहे. इस दौरान एक बार पूर्व के सीओ पर पांच हजार का जुर्माना भी लगा था. – कांटी पुलिस शुक्रवार को आयी थी हॉस्पिटल, बोली-इंसाफ होगा जब उसके पिता ने खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली. इसकी सूचना मिलने के बाद कांटी थाने की पुलिस शुक्रवार को एसकेएमसीएच आयी थी. कही कि आपकी जमीन पर जो कब्जा किया है, उसपर कार्रवाई करेंगे. शनिवार को वह हॉस्पिटल में ही रह गया. इस बीच घर से जानकारी मिली है कि कांटी थाने की पुलिस आयी है और जमीन पर खूंटा गाड़कर बोली है कि उसका कब्जा हो गया है. लेकिन, मुन्ना गुप्ता का कहना है कि यह इंसाफ नहीं है. उसको पूरी तरीके से इंसाफ मिले. —- भूमि विवाद को लेकर इंतजार करते रहे फरियादी, नहीं पहुंचे सीओ मुजफ्फरपुर. जिले में प्रत्येक शनिवार को थाने में भूमि विवाद का निबटारा किया जाता है. इस दौरान सीओ या उनके प्रतिनिधि थाने पर मौजूद रहते हैं, उनके द्वारा दोनों पक्षों की फरियाद सुनकर उनकी समस्या का निपटारा किया जाता है. शनिवार को मुसहरी सीओ के नहीं पहुंचने के कारण दो फरियादी नगर थाने की पुलिस को आवेदन सौंप कर निराश होकर लौट गए. इसमें केदारनाथ रोड की रहने वाली रीता सिंह जो एलएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य की पत्नी है. वह आयी थीं. उन्होंने आवेदन में बताया है कि केदारनाथ रोड स्थित उनका आवासीय मकान है. बीते दो जून को दीवार जोड़ने का काम करवा रही थी. इसी दौरान विपक्षी का पुत्र अपने तीन-चार साथियों को लेकर आया और दीवार गिरा दिया. आगे काम करवाने पर उसको व उसके परिवार के सदस्यों को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी. इस दौरान टाउन थाने के दो दारोगा भी मौजूद थे.वहीं, दूसरी फरियाद लेकर पुरानी बाजार की राजरानी देवी आयी थी. उसके घर पर दूसरा पक्ष जबरन कब्जा करना चाहता है. प्रभारी थानेदार ने उनको अगले शनिवार को आने की बात कह वापस भेज दिया. वहीं, काजीमाेहम्मदपुर थाने पर 15 से अधिक जमीन विवाद को लेकर पहुंचे फरियादी सीओ के नहीं पहुंचने के कारण निराश होकर लौट गए.
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