जनप्रतिनिधियों की रायशुमारी तय करेगी मेट्रो रूट व स्टेशन का नाम

मेयर, उप मेयर, पार्षद सहित अन्य गणमान्य लोग राइट्स की रिपोर्ट पर करेंगे चर्चा

By Prabhat Khabar News Desk | October 1, 2024 9:36 PM

मुजफ्फरपुर. राजधानी पटना के बाद अब बिहार के चार अन्य शहर मुजफ्फरपुर सहित गया, भागलपुर एवं दरभंगा में मेट्रो सेवा शुरू करने की कागजी कवायद तेज हो गयी है. रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) की तरफ से नगर विकास एवं आवास विभाग को सौंपी गयी प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट के बाद विभाग अब इसकी स्वीकृति देने में जुटा है. इससे पहले विभाग ने चारों नगर निगम के आयुक्त को पत्र लिखकर मेयर, उप मेयर, पार्षद सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ मीटिंग कर राइट्स की रिपोर्ट पर चर्चा करने का निर्देश दिया है. यानी, राइट्स के सर्वे में चयनित किये गये मेट्रो रूट, स्टेशन आदि का जो नाम होगा, वह माननियों की मंजूरी के बाद फाइनल होगा. इस मीटिंग में राइट्स के भी अधिकारी व सर्वे कर डीपीआर बनाने वाले टेक्निकल एक्सपर्ट मौजूद होंगे. विभाग की तरफ से इस कार्य को पूर्ण करने के लिए लगभग एक महीने से कहा जा रहा है. इसे अब तक मेयर, उप मेयर व पार्षदों के साथ नगर निगम मीटिंग आयोजित नहीं कर सका है. तय किया गया है दो कॉरिडोर, 21.2 किमी की है लंबाई राइट्स के प्रस्ताव के अनुसार दो मेट्रो कॉरिडोर होगा, जिसकी कुल लंबाई 21.2 किलोमीटर की होगी. सबसे बड़ा कॉरिडोर बखरी से रामदयालु नगर तक का होगा, जिसकी लंबाई 14 किलोमीटर की होगी. दूसरा कॉरिडोर एसकेएमसीएच से मुजफ्फरपुर जंक्शन तक का होगा. इसकी लंबाई 7.2 किमी की है. विभाग की तरफ से औपचारिक मंजूरी मिल गयी है. अब स्थानीय स्तर पर मीटिंग के बाद माननीय से मिलने वाली मंजूरी के बाद इसपर आगे की कार्रवाई होगी. बदले गये मेट्रो के प्रोजेक्ट इंचार्ज नगर विकास एवं आवास विभाग मेट्रो के प्रोजेक्ट इंचार्ज को भी बदल दिया है. पहले इसकी जिम्मेदारी विभाग के संयुक्त निदेशक शशिभूषण प्रसाद को सौंपी गयी थी. अब इसके प्रोजेक्ट इंचार्ज अपर निदेशक स्तर के पदाधिकारी संदीप कुमार को बनाया गया है. — राइट्स की तरफ से शहर व इससे सटे इलाके का सर्वे कर तैयार किये गये कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी), अल्टरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट (एएआर) एवं फिजिबिलिटी स्टडी से संबंधित रिपोर्ट भेज दी गयी है. जनप्रतिनिधियों के साथ मीटिंग कर सुझाव सहित रिपोर्ट की मांग की गयी है. लगभग एक महीने से रिपोर्ट लंबित है. जल्द से जल्द मीटिंग करने को कहा गया है. – संदीप कुमार, परियोजना पदाधिकारी सह अपर निदेशक, नगर विकास एवं आवास विभाग

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