हिमाचल प्रदेश पहुंचाना था अफीम की खेप, एक डिलीवरी पर मिलता था 20 हजार
हिमाचल प्रदेश पहुंचाना था अफीम की खेप, एक डिलीवरी पर मिलता था 20 हजार
-मादक पदार्थ को लेकर राजधानी सहित लगभग ट्रेनों में छानबीन तेज
मुजफ्फरपुर.
जंक्शन से दस लाख की अफीम जब्ती मामले में पकड़े गये तस्कर से दूसरे दिन भी पूछताछ हुई. पूछताछ में मामला सामने आया कि अफीम की खेप को हिमाचल प्रदेश में डिलीवरी करना था. दीमापुर से लाने के बाद तस्कर दो दिन अपने घर पर ठहरता. उसके बाद हिमाचल प्रदेश फाइनल डिलीवरी के लिये निकलता. एक डिलीवरी के लिये उसे 20 हजार रुपये दिये जाते है. उसने बताया कि वह अफीम को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने में कैरियर के रूप में काम करता है. जिसके बदले उसके कुछ पैसा मिल जाता है. हालांकि इस रैकेट के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिये नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और आरपीएफ की ओर से छानबीन तेज कर दी गयी है. मुख्य सरगना को पकड़ने के लिये नारकोटिक्स विभाग से लेकर आरपीएफ अलर्ट मोड में है.राजधानी सहित अन्य ट्रेनों में चला अभियान
मादक पदार्थ की तस्करी पर नियंत्रण व गिरोह को पकड़ने के लिये रविवार को आरपीएफ इंस्पेक्टर मनीष कुमार के नेतृत्व में राजधानी सहित आने-जाने वाली लगभग ट्रेन में जांच की गयी है. जांच लगातार जारी रहेगी. बता दें कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो व आरपीएफ के ज्वाइंट ऑपरेशन के तहत बीते शनिवार को दस लाख अफीम के साथ महादेव यादव नाम के तस्कर को गिरफ्तार गिया. टीम पहले से मुस्तैद थी, शाम के समय 15909 अवध असम एक्सप्रेस से उतरने के दौरान यह कार्रवाई हुई. तस्कर पश्चिम चंपारण के गोपालपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है