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फाइनल डीएल के स्लॉट टाइमिंग में लर्निंग फेल होने पर उपलब्ध है विकल्प

ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने में पहले लर्निंग और उसके बनने के एक माह के बाद फाइनल डीएल के लिए आवेदक को आवेदन करना होता है.

मुजफ्फरपुर. ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने में पहले लर्निंग और उसके बनने के एक माह के बाद फाइनल डीएल के लिए आवेदक को आवेदन करना होता है. लर्निंग लाइसेंस (एलएल) की वैधता छह माह होती है, लेकिन एलएल के फेल होने से कम से कम 21 दिन पहले फाइनल लाइसेंस का चालान कटाकर ड्राइविंग टेस्टिंग के लिए स्लॉट बुक करना होता है. लेकिन कई बार आवेदक लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए वह फाइनल लाइसेंस का आवेदन करना भूल जाते हैं और जब उसकी वैधता एक सप्ताह से कम बनी होती है तो वह जल्दबाजी में चालान कटाते हैं, लेकिन जिस दिन का फाइनल टेस्टिंग का स्लॉट बुक करते हैं उस समय डीएल की वैधता समाप्त होने वाली होती है. ऐसे में लाइसेंस धारक के लिए दूसरा विकल्प यह है कि वह अपना लर्निंग लाइसेंस फिर से रिनूवल कराकर फाइनल लाइसेंस के कटे चालान पर दोबारा स्लॉट बुक कर सकते हैं. लेकिन लर्निंग लाइसेंस रिनूवल कराने के एक माह बाद ही फाइनल लाइसेंस के चालान का टेस्टिंग स्लॉट बुक हो सकता है. लेकिन जानकारी के अभाव में कई आवेदक को साइबर कैफै संचालक उस चालान को फेल बताकर दोबारा से पूरा प्रोसेस करने की बात बताते हैं. ऐसे में उनके ऊपर लाइसेंस का दोगुना खर्च बैठता है. लेकिन वह पुराने लर्निंग लाइसेंस को रिनूवल कराते हुए, उसका शुल्क नये लर्निंग लाइसेंस से थोड़ा कम ही होता है और उनका फाइनल लाइसेंस का चालान भी बच जाता है.

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