उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर एक मरीज के पैर के इलाज के बदले पैर काट देने पर जिला उपभोक्ता आयोग ने शहर के दो नामी हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया है और नौ अक्तूबर को दोनों हॉस्पिटल के प्रबंधन निदेशक को हाजिर होने को कहा है. मामला अहियापुर थाना क्षेत्र के पैगंबरपुर कोल्हुआ निवासी दिल मोहम्मद के पुत्र मो. समीर का है. सड़क दुर्घटना में वह 18 अप्रैल को घायल हो गया, उसे ग्रीन डायमंड इमरजेंसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उसके पैर का ऑपरेशन कर स्टील रड लगाया, लेकिन उसके हालत में सुधार के बदले और ही खराब हो गया. आनन-फानन में परिजनों ने उसे बेहतर इलाज के लिए ब्रह्मपुरा स्थित डॉ. शशि आर्थो एंड ट्रॉमा हॉस्पिटल में भर्ती कराया, यहां पर चिकित्सक ने इलाज करने के बदले पैर को ही काट कर हटा दिया. इसके बाद शिकायतकर्ता दिल मोहम्मद ने अधिवक्ता एसके झा के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष दो जुलाई को मुकदमा दायर किया था. मुकदमे की सुनवाई आयोग के अध्यक्ष पीयूष कमल दीक्षित और सदस्य सुनील कुमार तिवारी ने की. सुनवाई के बाद आयोग ने ग्रीन डायमंड इमरजेंसी हॉस्पिटल व डॉ. शशि ऑर्थो एंड ट्रामा हॉस्पिटल को नोटिस भेजा है, जिसमें दोनों अस्पताल के प्रबंध निदेशक को नौ अक्तूबर को आयोग के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया है. अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि यह पूरा मामला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सेवा में कमी की कोटि का मामला है, चूंकि परिवादी के पुत्र का दाहिना पैर ही काट कर हटा दिया गया है, यह चिकित्सकीय लापरवाही को प्रदर्शित करता है. परिवादी ने विपक्षी गणों पर कुल 45 लाख 30 हजार रूपये के हर्जाना का दावा किया है.
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