मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर बागमती-लखनदेई नदी पर साढ़े पांच किलोमीटर फोरलेन पुल और इसके एप्रोच पथ का निर्माण मुआवजा भुगतान के कारण लंबित है. इससे परियोजना के पूरा होने में देरी हो सकती है. पुल निर्माण का टेंडर फाइनल हो चुका है. एजेंसी को ढ़ाई साल में काम पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है. टेंडर फाइनल होने के बाद करीब चार माह बीत चुके हैं, लेकिन भू-अर्जन और मुआवजा भुगतान संबंधित समस्याओं के कारण काम शुरू नहीं हो सका है. इसे लेकर एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को पत्र भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है. कहा है कि एप्रोच पथ निर्माण को लेकर पांच मौजा में भूमि अधिग्रहण किया गया था. इसकी रिपोर्ट तो भू-अर्जन कार्यालय से मिल गई है, लेकिन इसमें सैंकड़ों ऐसे रैयत हैं. जिन्हें मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया है. इसका कारण अब तक नहीं बताया गया है. उन्होंने लंबित भुगतान के कारणों से भी अवगत कराने का आग्रह किया है. परियोजना निदेशक ने कहा कि निर्माण एजेंसी काम करने को लेकर तैयार है, लेकिन जब तक अधिग्रहित की गई भूमि पर कब्जा नहीं मिलेगा तो काम शुरू करना संभव नहीं होगा. उन्होंने उक्त भूमि पर एनएचएआइ को कब्जा दिलाने की बात भी कही है, ताकि निर्माण कार्य शुरू हो और ससमय पूरा हो सके.
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