बीआरए बिहार विवि के कुलपति डॉ हनुमान प्रसाद पांडेय की अध्यक्षता में सोमवार को शांतिपूर्ण वातावरण के बीच सिंडिकेट की बैठक हुई. इसमें विवि के ढाई दर्जन कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति का निर्णय लिया गया. सरकार से मंजूरी के बाद विज्ञापन निकाल वीसी को बहाली प्रक्रिया शुरू करने के लिए सदस्यों ने अधिकृत कर दिया है. अभी इन सभी कॉलेजों में वरीय शिक्षक को ही प्राचार्य का पदभार दिया गया है.
शिक्षकों की प्रोन्नति व सेवा संपुष्टि पर भी सिंडिकेट की मुहर लग गयी है. बीपीएससी से नियुक्ति के दो साल बाद अध्यापन कर रहे शिक्षकों की सेवा संपुष्ट की गयी है. इसके अलावा एकेडमिक काउंसिल एवं संबद्धता समिति की मीटिंग में जिन नये 32 कॉलेजों को संबद्धता देने एवं दर्जनभर से अधिक नये कोर्स खोलने पर निर्णय लिये गये थे, उन सभी की मंजूरी पर सिंडिकेट सदस्यों ने हामी भर दी है.
हालांकि, सदस्यों ने इसके लिए एक शर्त रखी है. जिन नये कॉलेजों को संबद्धता एवं नये-नये पाठ्यक्रम की शुरुआत करने की मंजूरी दी गयी है, उन कॉलेज एवं पाठ्यक्रम में छात्रों का नामांकन तब होगा जब सरकार की ओर से विधिवत अनुमति मिल जायेगी. इस पर विवि प्रशासन राजी हो गया है. पारा मेडिकल से जुड़े नौ कोर्स के प्रस्ताव पर सदस्यों का विरोध था. सदस्यों का कहना था कि मेडिकल से जुड़े कोर्स के रेगुलेशन का मामला सिंडिकेट सदस्य नहीं देखेंगे. कुलपति पर अपने स्तर से उचित निर्णय लेने के लिए छोड़ दिया गया. गेस्ट टीचर का मानदेय 25 से 50 हजार रुपये करने के प्रस्ताव को भी सिंडिकेट ने खारिज कर दिया है.
बेतिया के एमजेके कॉलेज में विवि का एक्सटेंशन सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया. वहां पश्चिमी व पूर्वी चंपारण के छात्र-छात्राएं अपनी समस्या से संबंधित आवेदन जमा करेंगे. उस आवेदन पर विवि प्रशासन अपने माध्यम से कार्रवाई करायेगा. छात्र यहां रिजल्ट पेंडिंग से लेकर सर्टिफिकेट तक के लिए आवेदन जमा कर सकेंगे. यह निर्णय बेतिया व मोतिहारी के छात्र-छात्राओं को मुजफ्फरपुर विवि मुख्यालय आने में होनेवाली परेशानी के मद्देनजर लिया गया है. हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय 27 फरवरी को होनेवाली सीनेट की बैठक में लिया जायेगा. इससे पहले प्रो-वीसी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गयी, जो एक्सटेंशन सेंटर खोलने पर अपनी रिपोर्ट देगी.
By: Thakur Shaktilochan