मुजफ्फरपुर. प्रमंडलीय आयुक्त सह आरटीए अध्यक्ष गोपाल मीणा की अध्यक्षता में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार (आरटीए) की बैठक हुई. इसमें 20 नयी बस के परमिट को मंजूर किया गया. वहीं सभी प्रकार के व्यवसायिक यात्री वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) लगाने व उसे चालू रखने का निर्देश दिया गया. प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि अगर वीएलटीडी ऑनलाइन प्रदर्शित नहीं होती है तो परमिट रद्द कर देंगे. ऐसे वाहन के चलने पर रोक लगा दी जायेगी. परमिट धारकों को निर्देश दिया कि वह नियमानुसार अपने वाहनों के दोनों ओर परमिटधारी का नाम, पता सहित बस के चालक व कंडक्टर का मोबाइल नंबर व नाम अंकित करायें. यह अनिवार्य है. इसका उल्लंघन करने पर भी कड़ी कार्रवाई की जायेगी. बैठक में प्रमंडल अंतर्गत आने वाले सभी छह जिलों के डीटीओ से वाहन मालिक ऑनलाइन रूप से बैठक में भाग ले रहे थे. उन्होंने वाहन मालिकों को स्पष्ट रूप से कहा कि गाड़ी संबंधित जो भी दस्तावेज जरूरी हैं उसे अपडेट रखें. बिना उसके गाड़ी परिचालन पर सख्त कार्रवाई होगी. बताया कि 30 जनवरी को 15 साल पुराने 110 वाहन जो प्रतिदिन 100 किमी से अधिक चलाये जाते थे और बिना वैध फिटनेस के 212 वाहन की परमिट निलंबित करते हुए उसके परिचालन पर रोक लगा दी गयी थी. वाहन का फिटनेस अपडेट नहीं कराने पर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार ने छह जून को बिना वैध फिटनेस वाले 78 बसों की परमिट रद्द कर दी है. साथ ही इसे आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट तिरहुत डिवीजन डॉट एनआइसी डॉट इन पर देखा जा सकता है. वीएलटीडी ऑनलाइन एक्टिव नहीं होने पर भी जुर्माना व्यवसायिक यात्री वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. इतना ही लगाने के बाद अगर वीएलटीडी डिवाइस एक्टिव नहीं दिखती है तो भी परमिट को रद्द कर दिया जायेगा. गाड़ियों की फिटनेस जांच में इसे भी शामिल किया गया है. कुछ माह पूर्व एनएच पर ओवर स्पीड में दर्जन भर ऐसे वाहनों पर जुर्माना लगाया गया जिनका वीएलटीडी एक्टिव था और तय स्पीड से अधिक तेजी से सड़कों पर दौड़ रहे थे. इस डिवाइस के पीछे सरकार का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा है ताकि जिस वाहन से वह यात्रा कर रहे हैं उसकी मॉनेटरिंग की जा सके. इन वाहनों में एक इमरजेंसी बटन होता है जिससे खतरा देखते हुए इस्तेमाल किया जाता है. अगर वीएलटीडी वाहन में लगा रहेगा और वह एक्टिव रहेगा तो फौरन उस गाड़ी का लोकेशन पता करते हुए आगे की कार्रवाई की जा सके.
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