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लगातार थकावट बनी रहना, बीमारी की शुरुआत

लगातार थकावट बनी रहना, बीमारी की शुरुआत

-डेढ़ साल में डायबिटीज के 44 हजार 610 मरीज पहचाने गये-जांच अभियान में ब्लड प्रेशर के 43 हजार 511 मरीज मिले हैं

मुजफ्फरपुर.

जिले में हाइ ब्लड प्रेशर व डायबिटीज मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अधिकतर लोग इस बीमारी से अनजान हैं. कई वर्षों तक बीमारी से पीड़ित होने के बाद भी उन्हें इस बीमारी की जानकारी नहीं होती है. बीमारी के लक्षणों पर वह ध्यान नहीं देते. यही कारण है कि पिछले डेढ़ वर्षों में जिले में डायबिटीज के 44 हजार, 820 व ब्लड प्रेशर के 43 हजार 511 नये मरीज मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग की जांच में इसकी पुष्टि हुई है. केंद्रीय परिवार कल्याण व स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर एनसीडी की ओर से लगातार कराए जा रहे सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है. लोगों में इस बीमारी की जांच के लिए अब सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में 40 वर्षों से अधिक उम्र के लोगों को डॉक्टर डायबिटीज की जांच लिख रहे हैं और उनके पुर्जे पर ब्लड प्रेशर लिखा जा रहा है. सदर अस्पताल के एनसीडी सेल की ओर से एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक कराये गये सर्वे में हाई ब्लड प्रेशर के 33 हजार 431 मरीज मिले थे, फिर दिसंबर तक हुए सर्वे में ब्लड प्रेशर के 10 हजार 80 मरीज मिले. उसी तरह पिछले वर्ष अप्रैल की जांच में 32 हजार 610 डायबिटीज के मरीज मिले थे और दिसंबर तक इसमें 12 हजार 210 नये मरीज सामने आये. दोनों बीमारियों के लगातार मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग ने अब ओपीडी में जांची ब्लड प्रेशर व डायबिटीज की रिपोर्ट एनसीडी सेल में भेजना अनिवार्य कर दिया है.

भूख में अधिकता व बेचैनी होने पर जांच करायें

डॉक्टर कहते हैं कि सामान्य तौर पर हाइ ब्लड प्रेशर के लक्षण नहीं आते. कुछ मामलों में बेचैनी, नाक से खून आना और सिर दर्द जैसी समस्या हो सकती है. डायबिटीज के मरीजों को बार-बार पेशाब लगना, ज्यादा भूख लगना, अधिक प्यास लगना व थकान होने लगती है. यह लक्षण आने पर व्यक्ति को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिये. जागरूकता की कमी से लोग इन लक्षणों पर ध्यान नहीं देते व लंबे समय से बीमारी को झेलते रहते हैं. लंबे समय तक खून में शर्करा की मात्रा अधिक रहने से व्यक्ति दूसरी बीमारियों की चपेट में आ जाता है.

डायबिटीज व ब्लड प्रेशर के मरीज लगातार मिल रहे हैं. एनसीडी सेल की ओर से जांच अभियान भी चलाया जा रहा है. नये मरीजों का कार्ड भी बनाया जा रहा है, ताकि वे नियमित तौर पर सदर अस्पताल में नियमित जांच करवा कर दवाएं ले सकें. बीमारी की पहचान के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.

– डॉ नवीन कुमार, प्रभारी, एनसीडी सेल, सदर अस्पतालB

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