वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बीमारी के लिहाज से डेंजर जोन प्रखंडों में एइएस के केस मिल रहे हैं. इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने पीएचसी को अलर्ट किया है. एइएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम ) से जनवरी से लेकर मई तक जो बच्चे पीड़ित हुए हैं, उसमें चार बच्चे जिले के पांच प्रखंडों के हैं. इसमें शहरी क्षेत्र का भी बच्चा पीकू वार्ड में भर्ती हुआ है. जिले के उन पांच प्रखंडों से सबसे अधिक बच्चे पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं, जिन प्रखंडों को एइएस के लिए डेंजर जोन माना जा रहा है. कुढ़नी, मीनापुर, मोतीपुर, पारु व बंदरा से अब तक एइएस पीड़ित होकर बच्चे एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में पहुंचे हैं. हालांकि अब तक जिले के एक भी बच्चे की मौत एइएस से नहीं हुई है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार एसकेएमसीएच स्थित पीकू वार्ड में पांच जिलों से एइएस पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. इसमें मुजफ्फरपुर के सात, सीतामढ़ी के दो, शिवहर का एक और वैशाली का एक बच्चा है. शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि जो केस आते हैं, उन्हें एइएस का संदिग्ध मानकर इलाज किया जाता है. एइएस पीड़ित बच्चे है या नहीं, इसकी जांच के लिए सैंपल भेजा जाता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है