अपने अध्ययन क्षेत्र में बेहतर शोध कर करने वालों को पीएचडी उत्कृष्टता प्रशस्ति पत्र

अपने अध्ययन क्षेत्र में बेहतर शोध कर करने वालों को पीएचडी उत्कृष्टता प्रशस्ति पत्र

By Prabhat Khabar News Desk | November 8, 2024 9:16 PM

आवेदन के लिए एक जनवरी से खुलेगा पोर्टल, चयनित हाेने पर 5 सितंबर को मिलेगा अवार्डपीएचडी शोधार्थियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए यूजीसी ने विवि को दिये निर्देश

मुजफ्फरपुर.

युवा शोधार्थियों को सम्मानित करने के लिए यूजीसी ने पीएचडी उत्कृष्टता प्रशस्ति कार्यक्रम की शुरूआत की है. यूजीसी ने इसको लेकर बीआरए बिहार विश्वविद्यालय समेत देशभर के विश्वविद्यालयों को पत्र भेजा है. कहा है कि देश के विकास में नयी जानकारियों और इनोवेशन का अहम योगदान होता है. पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि पीएचडी डिग्री अवार्ड करने के प्रतिशत में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गयी है. 2010-11 में जहां पीएचडी अवार्डियों की संख्या 77798 थी. वहीं 2017-18 में यह बढ़कर 161412 पहुंच गयी है. पीएचडी के लिए दाखिला लेने वालों में प्रतिवर्ष करीब 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है. प्रत्येक डिसिप्लिन से दो-दो शोधार्थियों को यह अवार्ड दिया जाना है. विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वैसे शोधार्थी जिन्होंने अपने शोध के माध्यम से अपने अध्ययन क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के माध्यम से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हो. एक जनवरी से 31 दिसंबर के बीच जिन्होंने पीएचडी डिग्री प्राप्त की हो. उन्हें इस अवार्ड के लिए आवेदन का मौका मिल सकता है. एक जनवरी को पोर्टल खुलेगा. 31 मार्च तक आवेदन लिया जाएगा. एक अगस्त को यूजीसी के स्तर से विजेताओं की घोषणा की जाएगी. पांच सितंबर को प्रशस्ति देकर चयनित शोधार्थियों को सम्मानित किया जाएगा.

दो स्तर पर स्क्रीनिंग के बाद मिलेगा अवार्ड :

पीएचडी उत्कृष्टता प्रशस्ति के लिए दो स्तर पर स्क्रीनिंग की जाएगी. इसको लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी बनेगी. कमेटी की ओर से प्रत्येक वर्ष एक विश्वविद्यालय से अधिकतम पांच थीसिस को इस प्रशिस्त के लिए प्रस्तावित कर सकते हैं. आवेदन के साथ थीसिस की स्कैन कॉपी भी संलग्न करना होगा. थीसिस में ओरिजनलिटी एंड इनोवेशन, कंट्रीब्यूशन ऑफ नॉलेज, मैथेडोलॉजी, क्लियरिटी एंंड स्ट्रक्चर, इंपैक्ट, प्रेजेंटेशन के स्तर पर भरी मूल्यांकन किया जाएगा.

नैक से मूल्यांकन वाले विश्वविद्यालय ही योग्य

इस अवार्ड के लिए उसी विश्वविद्यालय के शाेधार्थी आवेदन कर सकेंगे जिसकी नैक से मान्यता हो. इसके साथ ही यूजीसी से एक्ट- 2 के तहत मान्यता मिली हो. शोधार्थियों के लिए भी नियमावली बनायी गयी है. कहा गया है कि इंफ्लिबनेट पर उन्होंने अपनी थीसिस की जांच करायी हो तो उसका यूआरएल, यूजीसी के मिनिमम स्टैंडर्ड के अनुसार पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हो.

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