पीएचडी रेगुलेशन-2024 प्रभावी, चार वर्षीय स्नातक के बाद सीधे पैट के लिए होंगे योग्य

पीएचडी रेगुलेशन-2024 प्रभावी, चार वर्षीय स्नातक के बाद सीधे पैट के लिए होंगे योग्य

By Prabhat Khabar News Desk | October 6, 2024 8:37 PM

आवेदन से रजिस्ट्रेशन व थीसिस जांच तक में लगेंगे 15 हजार रुपये

मुजफ्फरपुर.

बीआरएबीयू ने पीएचडी रेगुलेशन 2024 को प्रभावी कर दिया है. इसमें नामांकन पद्धति से लेकर फी तक तय कर दिया है.अब पीजी की जगह चार वर्षीय स्नातक कोर्स पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए योग्य हो सकते हैं. पूर्व में जहां तीन वर्षीय स्नातक के बाद दो वर्ष का पीजी कोर्स करना होता था. इसके बाद अभ्यर्थी पीएचडी एडमिशन टेस्ट के योग्य हो पाते थे, वहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति में चार वर्षीय स्नातक को आठ सेमेस्टर में बांटा गया है. इसके अंतिम दो सेमेस्टर में रिसर्च पर विशेष फोकस किया गया है. ऐसे में आठवां सेमेस्टर पूरा होने के बाद अभ्यर्थी सीधे पैट के लिए आवेदन कर सकते हैं.विवि की ओर से पीएचडी रेगुलेशन-2024 को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गयी है. इसमें स्नातक के बाद सीधे पैट के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होगा. स्नातक में 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी ही इसके योग्य होंगे. बता दें कि यूजीसी की ओर से निर्देश मिलने के बाद राजभवन ने विवि को कहा है कि अब 50 प्रतिशत सीटें नेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रहेंगी. वहीं शेष 50 प्रतिशत पर पैट आयोजित होगा.

प्लेगरिज्म टेस्ट के लिए एक और थीसिस जमा करने की फी आठ हजार :

पीएचडी के नये रेगुलेशन के तहत आवेदन से लेकर रजिस्ट्रेशन और अन्य सभी मद की फी का निर्धारण किया गया है. आवेदन के लिए सामान्य कोटि के अभ्यर्थियों को 3 हजार, ओबीसी, एससी-एसटी, इबीसी, इडब्ल्यूएस व महिलाओं के लिए 2 हजार रुपये शुल्क देना होगा. पैट या नेट से चयनित होने के बाद नामांकन शुल्क के रूप में 2 हजार, रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में 4 हजार देना होगा. वहीं प्लेगरिज्म टेस्ट के लिए एक हजार व थिसिस सब्मिशन फी 8 हजार रुपये देनी होगी. इसके बाद थिसिस सबमिट करने में निर्धारित अवधि से विलंब हाेने पर 2 हजार रुपये वार्षिक के हिसाब से जमा कराना होगा. पीएचडी की डिग्री के लिए सामान्य कोर्स की तरह ही 400 रुपये फी लगेगा.

विभागों से मांगी गयी रिक्ति, 2023 सत्र से ही प्रभावी होगा नया नियम :

विवि में पीएचडी का सत्र विलंब से चल रहा है. ऐसे में फी से लेकर अन्य सभी नियम 2023 सत्र से ही लागू किया जाएगा. हालांकि, स्नातक के बाद पीएचडी 2027 सत्र से हो सकेगा, क्योंकि चार वर्षीय कोर्स 2023 में लागू हुआ है. इसका पहला बैच 2027 में उत्तीर्ण होगा. पिछले पैट के लिए साक्षात्कार हो चुका है. नामांकन के बाद जो सीटें रिक्त रहेंगी. उसके 50 प्रतिशत सीटों पर नामांकन के लिए पैट का आयोजन किया जायेगा. विभागों से 15 अक्तूबर तक रिक्ति मांगी गयी है.

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