मुजफ्फरपुर में ग्रीनफील्ड टाउनशिप के लिए जगह चिह्नित, मुख्य सचिव ने इंजीनियरों की टीम बनाने का दिया आदेश
मुजफ्फरपुर में ग्रीनफील्ड टाउनशिप बनने के बाद गांव शहर बन जाएगा और उसका स्वरूप बदल जाएगा. कई सरकारी दफ्तर भी शिफ्ट किए जाएंगे. इस निर्माण के लिए जगह की पहचान कर ली गई है.
बिहार की राजधानी पटना और मुजफ्फरपुर समेत राज्य के नौ शहरों में ग्रीनफील्ड टाउनशिप बसाने की योजना सरकार ने शुरू की है. कागजी कार्रवाई के बाद अब उम्मीद जगी है कि जमीन पर काम शुरू हो जाएगा. ग्रीनफील्ड टाउनशिप कांटी के पानापुर हवेली गांव में बसाई जाएगी, जो मुजफ्फरपुर प्लानिंग एरिया यानी ग्रेटर मुजफ्फरपुर में शामिल है, जो पताही एयरपोर्ट और निर्माणाधीन पटना-मधौल-कांटी फोरलेन से सटा हुआ है.
यहां चिह्नित की गई जमीन
चिह्नित जमीन की चौहद्दी में मड़वन-कांटी एवं मुजफ्फरपुर देवरिया स्टेट हाईवे भी होगा. पानापुर हवेली के साथ-साथ इससे सटे रामपुर शाह, शामपुर भोज, रायपुरा, बंगड़ा आदि राजस्व ग्राम को भी चिह्नित किया गया है. इन राजस्व ग्राम में पड़ने वाले कुल 472 एकड़ जमीन का एरियल सर्वे कर स्थानीय प्रशासन की तरफ से प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है, जिस पर सैद्धांतिक मंजूरी भी मिल चुकी है.
टीम बनाकर पड़ोसी राज्यों का दौरा करने का निर्देश
इसके लिए बनने वाली डीपीआर से पहले सरकार ने पदाधिकारी व इंजीनियरों की एक टीम बनाकर पड़ोसी राज्यों का दौरा करने का निर्देश दिया है. टीम में पटना के अलावा मुजफ्फरपुर सहित ग्रीनफील्ड टाउनशिप के लिए चयनित अन्य शहरों के निगम पदाधिकारी होंगे. यह आदेश चीफ सेक्रेटरी के स्तर से नगर विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों को मिला है.
चार-छह महीने के भीतर काम शुरू होने की उम्मीद
राज्य स्तर पर बनी उच्चाधिकारियों की कमेटी के समक्ष मुजफ्फरपुर नगर निगम चिह्नित जमीन व आसपास के एरिया का नजरी-नक्शा पेश कर चुका है. इसी आधार पर सरकार स्तर से ग्रीनफील्ड टाउनशिप में जमीन अधिग्रहण करने से लेकर चिह्नित एरिया को सरकारी व निजी स्तर पर विकसित करने पर खर्च होने वाली राशि की स्वीकृति मिलेगी. प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, चार से छह माह के भीतर पूरी प्रक्रिया के पूर्ण होने की उम्मीद है. इसके बाद धरातल पर काम दिखेगा.
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सड़क, नाला व दफ्तर के लिए जमीन का होगा अधिग्रहण
ग्रीनफील्ड टाउनशिप बसाने के लिए सरकार कुल जमीन का करीब 10-15 प्रतिशत ही अधिग्रहण करेगी. इसमें सड़क, नाला के साथ शिफ्ट होने वाले सरकारी दफ्तर का निर्माण होगा. बाकी जमीन निजी होगा, जिसमें सरकार की गाइडलाइन के अनुसार आवासीय व कमर्शियल भवन बनेंगे. सरकार जो जमीन अधिग्रहण करेगी. इसमें चौड़ी सड़कें व ड्रेनेज का जाल बिछाएगी. इसके अलावा पार्क, खुले मैदान सहित नागरिक सुविधाएं विकसित होंगे.
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