मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर राज्य के विभिन्न जिलों में करीब 52 हजार ऐसे लाभुक हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत तीनों किस्तों की राशि का उठाव करने के बाद भी घर नहीं बनाया है़. जिले में दो माह पहले तक ऐसे लाभुकों की संख्या करीब 15 सौ थी. नयी सूची के अनुसार 1270 है. विभाग ऐसे लाभुक का लेखा जोखा जुटा रही है. हालांकि इसमें कई पलायन भी कर चुके हैं. रेड नोटिस भी पूर्व में जारी किया गया था. यह नहीं. पिछले दिनों आवास पूरा करने के लिए राज्यभर के विभिन्न जिलों में जागरूकता अभियान से लेकर जन संवाद का भी आयोजन किया गया, लेकिन इसका कोई खास असर नहीं दिखा. इसके बाद उनका डाटा तैयार किया गया. ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशानुसार यह सूची मुख्यालय को भेज दी गयी है. ग्रामीण विकास विभाग ने ऐसे लाभुकों को तीन श्रेणियों में बांट दिया है. श्रेणी ए में राज्य सरकार की मदद आवास पूरा करने के इच्छुक लाभुकों को रखा गया है, श्रेणी बी में ऐसे घर जो राज्य सरकार के सहयोग से पूरे नहीं किए जा सकते और वसूली को लेकर प्रयास जारी है और श्रेणी सी में ऐसे लाभुक जो पलायन कर चुके या मृत्यु हो गयी और उत्तराधिकारी नहीं मिल रहा है एवं वसूली भी संभव नहीं है. विभाग ने श्रेणी के अनुसार ऐसे लाभुकों को चिन्हित करते हुए सूची तैयार कर भेजने को कहा है. ताकि आगे की प्रक्रिया की जा सके. बताया जा रहा है कि ऐसे लाभुकों की संख्या सबसे अधिक है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है और वैध उत्तराधिकारी नहीं मिल रहा है. इस कारण आवास निर्माण पूरा करने और राशि की वसूली भी संभव नहीं है. ऐसे लाभुकों को पीएम आवास की सूची से हटाकर प्रतीक्षा सूची में शामिल लाभुकों को लाभ दिया जाना है. पीएम आवास योजना के तहत मैदानी इलाके में निवास करने वाले पात्र नागरिकों को ₹120000 तक की सहायता दी जाती है. वहीं पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को 130000 रुपए तक की आर्थिक सहायता दी जाती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है