महावाणी स्मरण में बही काव्य-रस की धारा

stream of poetry

By Prabhat Khabar News Desk | May 8, 2024 12:05 AM

उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर

निराला निकेतन में महावाणी स्मरण का आयोजन किया गया. इस मौके पर कवियों ने काव्य पाठ किया. इसकी शुरुआत डॉ संजय पकज व डॉ विजय शंकर मिश्र ने की. अध्यक्षता उषा किरण श्रीवास्तव ने किया. आलोक कुमार ने आचार्य जानकीवल्लभ के गीतों को प्रस्तुत कर श्रोताओं की तालियाें से समर्थन प्राप्त किया. डाॅ हरिकिशोर प्रसाद सिंह ने चिंतन जीवन का अभय दान सुनाकर मुग्ध कर दिया. नरेन्द्र मिश्र ने जवानी तुमको है धिक्कार और आलोक कुमार अभिषेक ने बेटियां भी कुल उजियारी बन गई है सुना कर महिला सशक्तीकरण की आवाज बुलंद की. संतोष कुमार सिद्धार्थ ने नदियां पूछती है मेरा पता सुनाया. मधुकर वनमाली ने निराला ने नहीं देखी सड़कों पर तोड़ते पत्थर और अरूण कुमार तुलसी ने कैसी तूने माया रची भगवान सुनाकर भाव विभोर कर दिया.रामवृक्ष राम चकपुरी ने सोने की चिड़िया भारत की आजादी को कम न तौला करें और सत्येंद्र कुमार सत्यन ने भोजपुरी कविता गरीबन के बिटिया चराबेली बकरिया सुनाकर सराहना पायी. उमेश राज ने रूप बदलकर आया है बहुरुपिया बाजार में सुनाकर चुनावी रंग दिया. उषा किरण श्रीवास्तव ने बहुत लिख चुके प्रेम की पाती सुनायी. मंच संचालन उमेश राज व धन्यवाद ज्ञापन मोहन प्रसाद सिन्हा ने किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version