पुलिस को एक ही नंबर की मिली दो बोलेरो गाड़ी, दोनों गाड़ियों की जांच करेगा एमवीआइ
एक ही नंबर बीआर-06-पीबी-3100 की दो बोलेरो एक साथ अपनी पहचान को लेकर डीटीओ कार्यालय में सोमवार की शाम को पहुंचे. दोनों गाड़ी मालिक खुद की गाड़ी को असली बता रहे थे. फिलहाल डीटीओ कार्यालय में एक गाड़ी को संदेह के आधार पर रखा गया, जबकि दूसरी गाड़ी को इस शर्त पर छोड़ा गया कि जब उन्हें बुलाया जायेगा तब उन्हें गाड़ी व अन्य कागजात के साथ हाजिर होना होगा. साथ ही दोनों गाड़ी के चेसिस प्रिंट, रजिस्ट्रेशन तिथि व अन्य तकनीकी जांच की जिम्मेदारी एमवीआइ को सौंपी गयी है.
एक ही नंबर बीआर-06-पीबी-3100 की दो बोलेरो एक साथ अपनी पहचान को लेकर डीटीओ कार्यालय में सोमवार की शाम को पहुंचे. दोनों गाड़ी मालिक खुद की गाड़ी को असली बता रहे थे. फिलहाल डीटीओ कार्यालय में एक गाड़ी को संदेह के आधार पर रखा गया, जबकि दूसरी गाड़ी को इस शर्त पर छोड़ा गया कि जब उन्हें बुलाया जायेगा तब उन्हें गाड़ी व अन्य कागजात के साथ हाजिर होना होगा. साथ ही दोनों गाड़ी के चेसिस प्रिंट, रजिस्ट्रेशन तिथि व अन्य तकनीकी जांच की जिम्मेदारी एमवीआइ को सौंपी गयी है.
डीटीओ रजनीश लाल ने बताया कि दोनों गाड़ी मालिक खुद को सही बता रहे हैं, दोनों गाड़ी की तकनीकी जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी. तकनीकी जांच के लिए एमवीआइ को कहा गया, उनकी रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो पायेगी. इसमें जिस कर्मचारी व ऑपरेटर की मिली भगत सामने आयेगी उन पर कड़ी कार्रवाई होगी.
जिनकी गाड़ी संदेह के आधार पर जांच के लिए रखी गयी है, उसकी मालिक पूर्वी चंपारण के लौकरिया की सुधा देवी हैं. इनकी गाड़ी में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगा है. इन्होंने यह गाड़ी सेकेंड हैंड खरीदी थी. इनका कहना है कि इनके पास गाड़ी के सभी पेपर अपडेट हैं. वहीं दूसरे मालिक जो सीतामढ़ी धरहरवा के सुजीत साह हैं, इनका कहना है कि दो साल से इनके गाड़ी का इंश्योरेंस नहीं हो रहा है, इसके लिए वह डीटीओ कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं कि इसे सुधार किया जाये. इसी को लेकर दोनों गाड़ी मालिक को गाड़ी के साथ जांच के बुलाया गया. इन्होंने फर्स्ट हैंड गाड़ी खरीदी थी, इनके गाड़ी में पुराना नंबर प्लेट है. उस समय हाई सिक्योरिटी प्लेट नहीं मिलता था.
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यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पूर्व तत्कालीन डीटीओ नजीर अहमद के समय एक बाइक व एक कार का ऐसा मामला आया था, जिसमें इंट्री करने वाले ऑपरेटर को निलंबित करते हुए उसे यहां से मुख्यालय भेज दिया गया था.