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पूर्वी चंपारण के साइबर फ्रॉड गिरोह के सरगना का पुलिस कोर्ट से लेगी गिरफ्तारी वारंट

पूर्वी चंपारण के साइबर फ्रॉड गिरोह के सरगना का पुलिस कोर्ट से लेगी गिरफ्तारी वारंट

By Prabhat Khabar News Desk | October 26, 2024 12:58 AM

टेलीग्राम के माध्यम से खाते में मंगाये साइबर फ्रॉड की राशि की जुटा रही जानकारीकांटी के दामोदरपुर में जिस भवन में चल रहा था कार्यालय वहां जाकर की छानबीन

मुजफ्फरपुर.

टेलीग्राम के माध्यम से करोड़ों रुपये का साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह के सरगना पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया निवासी विवेक तिवारी का साइबर पुलिस कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेगी. साइबर डीएसपी सीमा देवी ने बताया कि छापेमारी के दौरान वह फरार हो गया था. उसके ठिकाने पर लोकल पुलिस के सहयोग से रेड किया जा रहा है. उसके फरार रहने की स्थिति में कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेकर इश्तेहार व कुर्की की कार्रवाई की जाएगी. डीएसपी ने बताया कि साइबर फ्रॉड का यह बड़ा नेटवर्क है. पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर के अलावा और कौन- कौन से जिले में यह गिरोह अपना नेटवर्क चला रहा था इसको लेकर भी पुलिस टीम अनुसंधान कर रही है. वहीं, फरार सरगना व जेल भेजे गए पांचों आरोपियों के संपत्ति का भी आकलन किया जा रहा है. आशंका जतायी जा रही है कि साइबर फ्रॉड से इन्होंने अकूत संपत्ति हासिल कर रही है. इसका पता लगाकर संपत्ति अटैच करने का प्रस्ताव भेजा जाएगा. पुलिस ने दामोदरपुर में जहां वह साइबर अपराधी अपना कार्यालय खोल रखा था वहां भी पुलिस जाकर छानबीन की है. जानकारी हो कि साइबर थाने की पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. इनमें पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया थाना के वार्ड नंबर नौ दरमाहा गांव निवासी आशीष चंद्र, छोटन सिंह, संग्रामपुर थाना के इनरगाछी के विक्की कुमार, तुरकौलिया गांव के मोहबत छपरा गांव निवासी देवा कुमार और मुफस्सिल थाना के पतौड़ा मठिया निवासी आलोक शुक्ला शामिल है. इनके पास से आठ लाख 40 हजार नकदी, सोने की दो अंगूठी, सोने की एक घड़ी, नौ मोबाइल फोन, एक लैपटॉप , 13 एटीएम कार्ड , सोने की एक चेन, सिम कार्ड , फर्जी कंपनी का अलग- अलग मोहर, एक पासबुक बरामद किया गया.

साइबर फ्रॉड छोटन ने पहले दवा दुकान खोली, फिर साइबर कैफे खोल करने लगा ठगी

: गिरोह में दर्जन भर युवतियां भी है शामिल, तलाश में जुटी पुलिसकेसरिया . थाना क्षेत्र के दरमाहा से गिरफ्तार साइबर फ्रॉड छोटन सिंह व उसके भतीजा आशीष चंद्र ने बहुत कम समय में अकूत सम्पत्ति अर्जित कर ली थी. खासकर छोटन इस काली कमाई के जरिये सबसे अधिक सम्पत्ति अर्जित की है. उसने पहले दवा की दुकान खोली, उसके बाद साइबर कैफे खोल ऑनलाइन बिजनेस करने लगा.इस दौरान कम समय में धनकुबेर बनने की चाहत में वह साइबर फ्रॉड गिरोह से जुड़ा. दोनों चाचा-भतीजा ने मिलकर कई लोगों से साइबर ठगी की. करोड़ों रूपये का चूना लगाया. छोटन ने अकेले इस गिरोह का संचालन नहीं किया, बल्कि इसके टीम में कई लोग भी शामिल है. करीब आधा दर्जन युवतियां भी उनके लिए काम करती है, जो मोबाइल पर मधुर बातों से लोगों को अपने जाल में फंसाती है, उसके बाद लोन दिलाने, एटीएम चालू कराने, टावर लगवाने आदि का प्रलोभन देकर भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाती है. ग्रामीणों की माने तो छोटन ने हाल ही में पैतृक गांव दरमाहा में आलीशान घर बनवाया है. हालांकि छोटन पहले से ही सम्पन्न परिवार का है. इसके परिवार के सदस्यों का कई तरह का व्यवसाय है. छोटन का शान-शौकत पहले से बढ गया था. वह गाड़ियों का शौकीन भी है. बताते चले कि मुजफ्फरपुर पुलिस ने दरमाहा में छापेमारी कर छोटन व उसके भतीजे को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी है. दोनों से पूछताछ चल रही है. लोगों से कहता था कि उसका बिजनेस विदेशों तक फैला हैगांव के लोग जानते थे कि छोटन का व्यवसाय विदेश तक फैला है. वह गांव के लोगों को बताता था कि उसका व्यवसाय विदेश तक फैला है. जहां से अच्छा पैसा आता है. इधर छोटन व उसके भतीजे की गिरफ्तारी के बाद क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है. हालांकि ग्रामीण इससे ज्यादा कुछ भी बताने से कतरा रहे है.

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