मुजफ्फरपुर.मलेरिया का मच्छर नहीं पनपे, इसके लिए कवायद शुरू की गयी है. अब मलेरिया विभाग व मत्स्य विभाग जिले के तालाब-पाेखराें की घेराबंदी करेगा. वहीं सभी गड्ढाें व खुले नालों का सर्वे कराकर मच्छर को पनपने से राेकने के लिए काम होंगे. जिले के दूर-दराज के क्षेत्राें में आशा के माध्यम से इंडेमिक सीजन में मलेरिया से बचाव एवं उपचार के संबंध में पंफलेट, बैनर, माइकिंग आदि से प्रचार-प्रसार कराया जाएगा. इसकाे लेकर अपर निदेशक डाॅ अशाेक कुमार ने जिला मलेरिया पदाधिकारी काे निर्देश दिये हैं. दरअसल, 14 मार्च से 18 मार्च तक त्रिपुरा के अगरतला में मलेरिया नियंत्रण काे लेकर रिजनल रिव्यू मीटिंग में यह निर्णय लिया गया था. इसके अलावा प्रभावित क्षेत्राें में जांच कैंप लगाकर घनात्मक मरीजाें की पहचान कर उनका त्वरित उपचार कराने का निर्णय लिया गया. जिलास्तर पर सक्रिय निगरानी कमेटी बनेगी मलेरिया को राेकने के लिए जिलास्तर पर सक्रिय निगरानी कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया गया. लक्ष्य के अनुरूप जांच में वृद्धि लाने का निर्देश दिया. वर्ष 2023 में राज्य के दस अत्यधिक मलेरिया प्रभावित जिले भागलपुर, नवादा, किशनगंज, पटना, औरंगाबाद, मधुबनी, गया, बांका, कैमूर और वैशाली में प्रखंड और स्वास्थ्य उपकेंद्र वार मलेरिया राेगियाें की संख्या का आकलन कर उन क्षेत्राें में सक्रिय निगरानी कार्य किया जाएगा. इसके अलावा मलेरिया राेकने के लिए जिला से प्रखंड स्तर पर ट्रेनिंग दी जाएगी.
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