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सरकारी योजनाओं में बीओबी, सेंट्रल बैंक सहित आधा दर्जन बैंक की प्रगति खराब

सरकारी योजनाओं में बीओबी, सेंट्रल बैंक सहित आधा दर्जन बैंक की प्रगति खराब

– डीएम ने पीएमइजीपी, पीएमएफएमई योजना की समीक्षा- सरकारी योजनाओं में रूचि नहीं लेने वाले बैंकों के विरुद्ध एसएलबीसी को पत्र भेजने का निर्देश

मुजफ्फरपुर.

डीएम सुब्रत कुमार सेन ने उद्योग विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम तथा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की बैंकवार समीक्षा की. इसमें तेजी से ऋण देने और लक्ष्य से काफी पीछे रहने वाले केनरा बैंक, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीजन बैंक, यूनियन बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा बैंकों के डीसीओ के विरूद्ध एसएलबीसी पटना और राज्य प्रमुख को कार्रवाई के लिए पत्र भेजने का निर्देश दिया गया.

समीक्षा में एसबीआइ द्वारा पीएमइजीपी में 55 %, पीएमएफएमई में 35% ऋण की स्वीकृति की गई है. इस पर डीएम ने दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह तक उक्त योजनाओं में शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के निर्देश दिये. वहीं पीएनबी द्वारा उक्त योजनाओं की प्रगति पर निर्देश दिया गया कि कि पीएमईजीपी योजना में सुधार करे, वहीं पीएमएफएमई की प्रगति पर असंतोष जताते हुए अपेक्षित सुधार के निर्देश दिये. बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा पिछले समीक्षा बैठक से आज की बैठक तक दोनों योजनाओं में शून्य ऋण स्वीकृति की गई है. इस पर निर्देश दिया गया कि बीओबी के डीसीओ के विरूद्ध एसएलबीसी पटना को पत्र भेजकर बताये कि सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन में इनके द्वारा अभिरुचि नहीं ली जा रही है. समीक्षा में बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रगति नहीं मिली, इस पर निर्देश दिया गया कि उक्त योजनाओं में लक्ष्य के विरुद्ध ऋण स्वीकृति व वितरण माह दिसंबर तक 100% करने के लिए वरीय अधिकारी को पत्र भेजे. साथ ही उन्हें यह भी अवगत कराये की डीसीओ द्वारा अभिरुचि नहीं लिए जाने के कारण योजनाओं की प्रगति में सुधार नहीं हो रहा है. सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया की इन योजनाओं में प्रगति बहुत खराब थी. इस पर एलडीएम को निदेश दिया गया कि उक्त विषय वस्तु से अपने वरीय पदाधिकारी को अवगत कराये. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक को और अधिक प्रगति लाने की आवश्यकता है. वहीं यूनियन बैंक और इंडियन बैंक के वरीय प्रबंधक को उक्त योजनाओं में प्रगति लाने के लिए दो बार पत्र दिया जा चुका, बावजूद इन बैंकों की प्रगति काफी खेदजनक है. इससे यह स्पष्ट होता है कि न सिर्फ डीसीओ बल्कि इन बैंकों के वरीय प्रबंधक के स्तर से भी लापरवाही बरती जा रही है. इसकी जानकारी एसएलबीसी और संबंधित बैंक के राज्य प्रमुख को दे. केनरा बैंक, यूको बैंक व इंडियन ओवरसीज बैंक की प्रगति पर डीएम असंतोष जताते हुए इनके विरुद्ध एसएलबीसी व वरीय प्रबंधक को पत्र भेजने का निर्देश दिया गया. पंजाब एंड सिंध बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक के डीसीओ की अनुपस्थिति पर खेद जताते हुए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिये गये. बैठक में डीडीसी श्रेष्ठ अनुपम, जीएम जिला उद्योग केंद्र अभिलाष भारती, एलडीएम, परियोजना प्रबंधक विजय शंकर प्रसाद, उद्योग विस्तार पदाधिकारी, बैंक पदाधिकारीगण मौजूद थे. वहीं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के लाभुकों के बीच ऋण स्वीकृति व भुगतान पत्र वितरित किये गये.

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