वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर परिवार नियोजन अभियान के तहत लाभार्थियों को जोड़ने व गांव-गली तक इसके प्रचार-प्रसार में निजी अस्पताल अपना सहयोग नहीं कर रहे हैं. इसके साथ ही बच्चों को लगाये जा रहे टीकाकरण में भी उनका सहयोग नहीं है. निजी अस्पतालों में आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की महिलाएं व पुरुषों की नसबंदी-बंध्याकरण, निशुल्क प्रसव में मदद किए जाने पर डॉक्टरों को विभाग के द्वारा मानदेय देने का प्रावधान है. लेकिन निजी अस्पताल भागीदारी नहीं दिखा रहे हैं. सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिये हैं कि वह पोर्टल पर डाटा अपलोड करें. वहीं एचएमआइएस पर जन्म-मृत्यु, टीबी नोटिफेकेशन, गर्भवती व बच्चों का टीकाकरण, परिवार नियोजन सहित सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों की सही व समय से जानकारी न देने पर स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को चेतावनी दी है. बार-बार कहने के बाद भी कुछ निजी चिकित्सालय जानकारी नहीं दे रहे हैं. वहीं हौसला साझेदारी योजना के तहत भी भागीदारी नहीं दिख रही है. जबकि अस्पताल खोलने के वक्त निजी अस्पताल गरीब मरीजों के प्रसव समेत कई चीजों को निशुल्क उपलब्ध कराने का वादा करते हैं. इसलिए ऐसे अस्पताल जिन्होंने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाएंगे. ज्यादातर चिकित्सालय लापरवाही बरतते हैं और सही और समय पर जानकारी नहीं देते हैं.
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