छात्र संवाद में सुनीं समस्याएं, उपाय भी तुरंत दिये
छात्र संवाद में सुनीं समस्याएं, उपाय भी तुरंत दिये
मुजफ्फरपुर. बीआरएबीयू के अतिथिशाला में साेमवार से छात्र-छात्राओं की समस्याओं के समाधान के लिए छात्र संवाद कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो.दिनेश चंद्र राय ने स्वयं समस्याएं सुनीं और उसका समाधान भी कराया. कई समस्याएं तो तत्क्षण सुलझ गयीं. कुलपति ने कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा. अब आवेदन लेकर एक से दूसरे कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना होगा. यहां जमा होने वाले आवेदनों पर पदाधिकारी त्वरित संज्ञान लेंगे. वे स्वयं इसकी मॉनीटरिंग करेंगे. पदाधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया कि एक सप्ताह के भीतर छात्रों की ओर से जो समस्याएं रखी गई है, उनका समाधान कर देंगे. संवाद के बाद कुलपति के कार्यालय में पहुंचकर उर्दू के एक छात्र ने कहा कि उसका कोर्स-वर्क पूरा हो चुका है, लेकिन उसका शोध पंजीकृत नहीं हुआ है. कुलपति ने तत्काल विश्वविद्यालय उर्दू विभागाध्यक्ष को बुलाया और कहा कि इस छात्र के पंजीयन के लिए आदेश दीजिए. साथ ही निर्देशक के नाम का भी प्रस्ताव दीजिए. पैट-2020 के लिए शिक्षा शास्त्र के कई छात्रों ने पंजीयन नहीं होने की बात कुलपति के समक्ष रखी. इस पर वीसी ने छात्रों का पंजीयन करने का आदेश दिया. अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ अभय सिंह ने बताया कि अगले सोमवार से छात्र संवाद में आने वाले विद्यार्थियों को अपनी लिखित शिकायत के साथ कॉलेज के आइडी और आधार कार्ड की छायाप्रति अनिवार्य रूप से संलग्न करनी होगी. इस संवाद के दौरान कुलसचिव डॉ संजय कुमार, प्रॉक्टर डॉ बीएस राय, परीक्षा नियंत्रक डॉ टीके डे, सीसीडीसी डॉ अमिता शर्मा, आइक्यूएसी निदेशक डॉ कल्याण झा, कॉलेज निरीक्षक कला डॉ प्रमोद, कॉलेज निरीक्षक विज्ञान डॉ रामजी शाह, डॉ अमर बहादुर शुक्ला समेत अन्य पदाधिकारी व परीक्षा विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे. सर, हॉस्टल में भोजन की गुणवत्ता ठीक नहीं हॉस्टल में रह रहीं छात्राओं ने कुलपति से भोजन की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की. कोमल व रिचा का कहना था कि एक तो समय से भोजन नहीं मिलता है, दूसरी गुणवत्ता बेहद खराब होती है. इसपर कुलपति ने डीएसडब्ल्यू को इस मामले की जांच करने को कहा. उन्होंने छात्राओं को आश्वस्त किया कि भोजन अब ठीक मिलेगा. एमफिल के छात्र व छात्राएं सीधे पीएचडी में दाखिले की मांग को लेकर कुलपति से मिले. छात्रों का कहना था कि उन्हें कहा गया था कि एमफिल के बाद वे बिना पीएचडी एडमिशन टेस्ट के ही पीएचडी में रजिस्टर हो जाएंगे. इसपर कुलपति ने कहा कि कमेटी ने बैठक कर पहले ही निर्णय ले लिया है. अब पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा देना अनिवार्य है. एमफिल वाले स्टूडेंट्स को भी इससे छूट नहीं मिलेगी. छूट को लेकर पहले जारी किए गए पत्र को निरस्त किया जा चुका है. संवाद के दौरान जारी हुआ छात्रा का एडमिट कार्ड संवाद के पहले दिन करीब दो दर्जन छात्र-छात्राओं ने अलग-अलग समस्याओं से पदाधिकारियों को अवगत कराया. टीडीसी पार्ट-2 की परीक्षा के लिए एक छात्रा रोती हुई संवाद में पहुंची. एमएसकेबी कॉलेज की छात्रा हर्षिका राज ने बताया कि उसने परीक्षा फॉर्म भरा था, लेकिन एडमिट कार्ड नहीं मिला. ऐसे में वह कैसे परीक्षा देगी. इसपर परीक्षा नियंत्रक ने उसी समय यूएमआइएस से बात कर छात्रा का एडमिट कार्ड जारी कराया. परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि कई कॉलेजों की ओर से छात्रा का फॉर्म ही अपलोड नहीं किया गया है. इस कारण उन स्टूडेंट्स का एडमिट कार्ड जारी नहीं हुुआ है. एलएस कॉलेज में लगातार परीक्षा केंद्र हाेने से कक्षाओं का संचालन प्रभावित होने, विश्वविद्यालय की कक्षाओं में शामिल होने की अनुमति पाने, बॉटनी व अन्य पीजी विभागों में पेयजल की समस्या की ओर पदाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया.
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