किसी भी देश की सरकार सभी को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती

यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन प्रो.डीपी अग्रवाल एमआइटी में विशेष कार्यक्रम में शामिल हुए. प्राचार्य डॉ एमके झा ने प्रो.अग्रवाल का स्वागत किया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 6, 2024 1:26 AM

-एमआइटी पहुंचे यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन प्रो.डीपी अग्रवाल, छात्र-छात्राओं से किया इंटरैक्शन

– प्राचार्य ने संस्थान में बतौर मेंटर जुड़ने का दिया प्रस्ताव, छात्र-छात्राओं ने सिविल सेवा से जुड़े प्रश्न पूछे

मुजफ्फरपुर.

यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन प्रो.डीपी अग्रवाल ने गुरुवार को एमआइटी में आयोजित विशेष कार्यक्रम में शामिल हुए. कॉलेज के प्राचार्य डॉ एमके झा ने प्रो.अग्रवाल का स्वागत किया. उन्होंने इसे छात्रों के लिए एक गेम-चेंजर अवसर बताते हुए प्रो. अग्रवाल से संस्थान का मेंटॉर बनने की अपील की. प्रो.डीपी अग्रवाल ने छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए युवाओं के लिए उपलब्ध संभावनाओं पर चर्चा की. बताया कि भारत की 50 प्रतिशत आबादी 29 वर्ष से कम उम्र की है. इस आयु में उन्हें प्रेरित किया जाए तो वे अद्भुत काम कर सकते हैं. देश की अर्थव्यवस्था प्रगतिशील है और युवाओं के लिए कई शानदार अवसर हैं. कहा कि यह अवसर केवल सरकारी क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हर दिशा में उपलब्ध हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी देश की सरकार सभी को नौकरी नहीं दे सकती. ऐसे में युवाओं को अपने विचारों का उपयोग करते हुए जीवन को सरल बनाने के लिए नवाचार करना चाहिए. इसके लिए विशेष रूप से बिहार सरकार, स्टार्टअप्स को फंडिंग प्रदान कर रही है. प्रो. अग्रवाल ने कहा कि जब भी भारत को रणनीतिक जरूरतों के लिए प्रौद्योगिकी की आवश्यकता हुई, विदेश ने इसे उपलब्ध कराने से मना कर दिया. इस स्थिति ने इसरो और बार्क जैसे संगठन इसके उत्कृष्ट उदाहरण हैं. छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने स्मार्ट सिटी परियोजना के तत्वों का उपयोग अपने प्रोजेक्ट्स में व्यावहारिक समाधान खोजने के लिए करने को कहा. उन्होंने छात्रों को वैश्विक जागरूकता बढ़ाने और यह जानने की सलाह दी. कहा कि दुनिया क्या कर रही है और भारत उसमें कैसे बराबरी कर सकता है. उन्होंने गेट परीक्षा की संभावनाओं और यूपीएससी की ओर से आयोजित परीक्षाओं की तैयारी पर भी मार्गदर्शन दिया. मंच संचालन 2022 बैच की शिवानी और शुभम ने किया. कार्यक्रम में समन्वयक के रूप में प्रोफेसर इंचार्ज फैकल्टी वेलफेयर मणिकांत कुमार, सीएसइ के सहायक प्राध्यापक आशीष कुमार, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के अंकित कुमार और मॉक्सी क्लब का अहम योगदान रहा.

पर्सनालिटी को विकसित करने के लिए अखबार का करें अध्ययन

छात्र-छात्राओं ने प्रो.अग्रवाल से कई प्रश्न पूछे. यूपीएससी सबसे कठिन परीक्षा क्यों मानी जाती है? प्रो.अग्रवाल ने कहा कि यह देश की सर्वोच्च सिविल सेवाओं के लिए आयोजित की जाती है. हालांकि, कई उम्मीदवार अपनी स्कूल की मूलभूत पढ़ाई भूल जाते हैं, जिससे यह परीक्षा उनके लिए कठिन बन जाती है. सीसैट के एथिक्स पेपर में ईमानदारी से उत्तर देना क्यों जरूरी है? उन्होंने कहा, जैसे भगवान का नाम लेते-लेते हम उसमें विश्वास करने लगते हैं, वैसे ही एथिक्स पढ़ते-पढ़ते यह हमारे जीवन का हिस्सा बन जाती है अपनी पर्सनैलिटी को विकसित करने के लिए उन्होंने छात्रों से अखबार पढ़ने, जागरूक रहने और दोस्तों के साथ विचार-विमर्श करने की सलाह दी. उन्होंने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा इस प्रकार से डिजाइन की गयी है कि किसी एक व्यक्ति के लिए सभी विषयों की जानकारी रखना कठिन होता है.

स्वयं को समृद्ध रखने के लिए चुनौतियों को स्वीकार करें

प्रो. अग्रवाल ने शिक्षकों से टीचिंग-लर्निंग प्रक्रिया में सुधार करने की बात की. उन्होंने कहा कि शिक्षक खुद को समृद्ध करने के लिए नई चुनौतियों को स्वीकार करें और लर्निंग बाय शेयरिंग के सिद्धांत पर काम करें. उन्होंने छात्रों के लिए वास्तविक जीवन की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर प्रोजेक्ट डिजाइन करने की सलाह दी. कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डॉ एमके झा ने प्रो. अग्रवाल को भविष्य में भी एमआइटी के मेंटॉर के रूप में आते रहने का अनुरोध किया. पीआई एकेडमिक्स डॉ सीबी राय ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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