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मानसिक स्वास्थ्य जरूरी, कमजोर मनोदशा नहीं रहे

राजकीय महिला पॉलिटेक्निक में कार्यक्रम आयोजित

By Prabhat Khabar News Desk | August 13, 2024 8:21 PM

मुजफ्फरपुर. राजकीय महिला पॉलिटेक्निक में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता व आत्महत्या से रोकथाम विषय पर कार्यशाला आयोजित की गयी. इसका सहयोग विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की पहल पर स्वास्थ्य विभाग ने किया. कार्यशाला में मुख्य अतिथि सदर अस्पताल के डाॅ नवीन, डाॅ रवि अंश (मनोचिकित्सक) और डॉ आकांक्षा थीं. प्राचार्य डाॅ वरूण कुमार राय, डाॅ विनीत, डाॅ प्रकाश, प्रो चांदनी व अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरुआत की. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 15 से 19 साल के युवाओं के बीच मौत की चौथी सबसे बड़ी वजह आत्महत्या है. लोग अवसाद, लाचारी व जीवन में कुछ नहीं कर पाने की हताशा में खुदकुशी कर लेते हैं. सही समय पर उचित सलाह व परामर्श से आत्महत्या को काफी हद तक रोका जा सकता है. असफल हुए हैं तो सफल भी होंगे डाॅ आकांक्षा ने अपने वक्तव्य में छात्राओं को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के उपाय पर विस्तार से प्रकाश डाला. डाॅ नवीन ने उदाहरण के माध्यम से विभिन्न प्रकार की मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी दी. कहा कि जीवन बहुमूल्य है. अगर हम जिन्दगी के किसी मोड़ पर असफल हो जाते हैं तो यह असफलता हमारे दिमाग पर प्रभाव न डाले इसके लिए हमें मेडिटेशन करना चाहिए. छात्राओं के प्रश्नों का भी उन्होंने उत्तर दिया. माैके पर प्रो विभा, प्रो चांदनी, प्रो एकता, प्रो जो आफशां, प्रो.सूफिया जेबा, प्रो सौरभ, प्रो उज्ज्वल पाठक उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन प्रो.चांदनी ने किया. हर साल 70 लाख लोग करते आत्महत्या प्राचार्य ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य सकारात्मक अवधारणा है. जो व्यक्तिगत एवं सामाजिक संसाधनों के साथ-साथ शारीरिक क्षमता पर भी जोर देती है. भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहने के लिए हमें शारीरिक रूप में भी स्वस्थ रहने की आवश्यकता है. मनोचिकित्सक डाॅ रवि अंश ने कहा कि हम मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे तभी आत्महत्या जैसे ख्यालों से दूरी बना सकते हैं. दुनियाभर में हर साल 70 लाख लोग आत्महत्या करते हैं.

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