मुजफ्फरपुर. बिहार सरकार के अधिकारियों व कर्मियों की तरह अब यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी, पीजी हेड, कॉलेज के प्राचार्य सहित सभी शिक्षक व कर्मियों को भी अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करना होगा. शिक्षा विभाग की तरफ से मिले निर्देश के बाद क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक तिरहुत प्रमंडल ने बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी (BRABU) के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर एक सप्ताह के भीतर अचल-अचल संपत्ति का ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है. पहली बार ऐसा होगा, जब विवि के अधिकारी से लेकर पीजी हेड, कॉलेज के प्राचार्य, शिक्षक व कर्मचारी सभी को एक साथ अपनी संपत्ति का ब्योरा देना पड़ेगा.
रजिस्ट्रार डॉ संजय कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटी की तरफ से भी पत्र जारी किया गया है. पत्र के साथ एक फॉर्मेट भी है, जिसमें बिंदुवार पूरी जानकारी भर कर देना है. इसमें अपने पास उपलब्ध नगद राशि, बैंक अकाउंट डिटेल्स, एलआईसी सहित अन्य इंश्योरेंस पॉलिसी, एफडी, बैंक लोन से लेकर अपने नाम की गाड़ी, जमीन, मकान, फ्लैट, ज्वेलरी सहित दो दर्जन बिंदुओं पर पूरी जानकारी भरकर उपलब्ध कराना है.
गलत जानकारी देने पर बाद में अधिक संपत्ति की जानकारी अगर मिलती है, तब आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई भी संभव है. बताया जाता है कि सरकार ने यह फैसला पद का दुरुपयोग करते हुए कमाई करने वाले लोगों पर सख्ती बरतने के उद्देश्य से लिया है.
तीन साल पहले मांगी गयी थी जानकारी
रजिस्ट्रार ने बताया कि तीन-चार साल पहले भी एक बार सरकार से पत्र भेजकर चल-अचल संपत्ति से संबंधित जानकारी देने को कहा गया था. कुछ लोगों ने दिया. लेकिन, बाद में मामला ठंडा पड़ गया. इस बार पत्र आया है. बिंदुवार फॉर्मेट में भरकर पूरी जानकारी देनी है. एक सप्ताह की तय समय-सीमा है. सभी को इसको लेकर निर्देशित कर दिया गया है. विवि के अंतर्गत कार्यरत ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकारी व कर्मचारी तक को पूरी जानकारी उपलब्ध करानी है.
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