मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर के सेवइत और पुजारियों के धरने के समर्थन में सोमवार को मंदिर के आसपास की सभी फूल-माला और प्रसाद की दुकानें बंद रही. इससे यहां भक्तों को पूजा करने में परेशानी हुई. कई भक्त यह सोचकर आये थे कि मंदिर के पास ही पूजन-सामग्री खरीद कर पूजा करा लेंगे. उन्हें न तो पुरोहित मिले और न पूजन-सामग्री. वे भक्त बाबा का दर्शन कर वापस हो गये.
कई प्रखंडों से लोग बच्चों के मुंडन के लिये पहुंचे थे. उन लोगों ने मंदिर परिसर में बच्चे का थोड़ा-सा बाल काटा और वहीं बाबा के नाम अर्पित कर दिया. इन लोगों का भी पूजन नहीं हुआ. धरने के छठे दिन भी मंदिर के सेवइत और पुजारी मंदिर के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे रहे. धरने में अपनी बात को दूर-दूर तक पहुंचाने के लिये पुजारियों ने मंदिर रोड में लाउडस्पीकर भी लगाया था. सभी न्यास के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष के इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
सेवइत पं.बैद्यनाथ पाठक ने कहा कि जब तक हम लोगों की मांगे पूरी नहीं होती है. हम लोग धरने पर बैठे रहेंगे. धरने का समर्थन देने के लिये अविनाश साईं, अशोक देशभक्त और संजय रजक पहुंचे और उन लोगों ने भाषण कर पुजारियों की मांगों को जायज ठहराया.
आर्थिक सहयोग के लिए धरना स्थल पर दान पेटी
पुजारियों और सेवइतों ने आर्थिक सहयोग के लिये धरना स्थल पर दान पेटी रख कर लोगों से सहयोग की मांग की. मंदिर में आने वाले भक्त उस दान पेटी में अपने सामर्थ्य के अनुसार रुपये डाल रहे थे. सुबह से शाम तक पुजारी धरने पर रहे. इस दौरान मंदिर के अंदर भक्तों ने खुद पूजा की. बाबा का दर्शन और जलाभिषेक के लिए भी भक्तों का तांता लगा रहा.
आज उठेगा पुजारियों के धरने का मुद्दा
श्रावणी महोत्सव के लिये डीएम की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित बैठक में पुजारियों और सेवइतयों के धरने का मुद्दा उठेगा. मंदिर के प्रधान पुजारी पं.विनय पाठक ने कहा कि धरने की सूचना अध्यक्ष, पदेन उपाध्यक्ष और सचिव को भी दी गयी है, लेकिन अभी तक किसी तरह का दिशा निर्देश नहीं मिला है. श्रावणी महोत्सव के लिये होने वाली बैठक में वे इस मुद्दे को रखेंगे.
Also Read: PM Modi Cabinet Portfolio: मोदी सरकार में बिहार से किस नेता को मिला कौन सा मंत्रालय, देखें लिस्ट