MIT Muzaffarpur में प्रथम सेमेस्टर में नामांकित एक छात्र के साथ एक रैगिंग की गयी है. इसबार बर्बरतापूर्ण तरीके से छात्र के साथ रैगिंग की घटना को आठ सीनियर्स ने मिलकर अंजाम दिया है. इस कारण छात्र डिप्रेशन में चला गया है साथ ही वह सुसाइड करने की स्थिति में है. उसने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के एंटी रैगिंग सेल को इसकी सूचना दी है. सेल को अपनी मानसिक स्थिति से अवगत कराया है. कहा है कि जीवन में इससे पूर्व उसे कभी भी इस प्रकार से प्रताड़ित नहीं किया गया.
शिकायत के बाद सेल ने मामले को गंभीरता से लिया
छात्र की शिकायत के बाद सेल ने मामले को गंभीरता से लिया है. कॉलेज को ईमेल के माध्यम से इसकी सूचना देते हुए दोषी छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा गया है. नये सत्र में नामांकन के बाद रैगिंग की यह दूसरी घटना है. कॉलेज प्रशासन की ओर से एक ओर रैगिंग को रोकने की दिशा में पहल की जा रही है. इन सब के बीच लगातार इस प्रकार के मामले सामने आ रहे हैं. रैगिंग की घटना को लेकर कॉलेज के प्राचार्य डॉ एमके झा का कहना है कि उन्हें रैगिंग की घटना की जानकारी नहीं मिली है. यदि इस प्रकार का मामला आया है तो वे जांच की दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएंगे.
परिसर में सिर झुकाकर चलने से लेकर मारपीट भी करते हैं सीनियर्स
रैगिंग पीड़ित छात्र ने एआइसीटीइ को की गयी शिकायत में कहा है कि सीनियर्स उसे हमेशा सिर झुकाकर रहने को कहते हैं. सिर उठाकर देखने पर उसके साथ मारपीट भी की गयी. साथ ही छात्रावास से लेकर कॉलेज परिसर में भी उसे प्रताड़ित किया जा रहा है. शिकायत करने पर धमकी भी दी जा रही है. पहले तो कई दिनों तक छात्र इन सब को सहता रहा पर रैगिंग बढ़ता देख वह मानसिक रूप से तनावग्रस्त होकर सुसाइड करने की स्थिति में चला गया.
मामले की जांच कर दोषियों के अभिभावकों को बुलाया
बता दें कि नामांकन के बाद एक और छात्र के साथ रैगिंग की गयी थी. अनुशासन समिति ने मामले की जांच कर दोषियों के अभिभावकों को बुलाया था. बता दें कि कॉलेज का माहौल लगातार बिगड़ता जा रहा है. रैगिंग के मामले सामने आने के बाद से जूनियर स्टूडेंट्स के बीच भय का माहौल है. वे छात्रावास के साथ-साथ कॉलेज परिसर और कक्षाओं में भी असहज महसूस कर रहे हैं. कुछ छात्रों का मनोबल इस प्रकार बढ़ा हुआ है कि वे परिसर में किसी की भी पिटाई कर दे रहे हैं. शनिवार को कैंपस में रहने वाले एक शिक्षक के घर पहुंचे एक अतिथि की द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों ने पकड़कर पिटायी कर दी.
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पहले रैगिंग मामले में मिल चुका ब्लैक डॉट
रैगिंग के मामले की पुष्टि होने पर बीते दो-तीन वर्षों में दो दर्जन से अधिक छात्रों को ब्लैक डॉट के साथ ही आर्थिक दंड भी लगाया जा चुका है. ब्लैक डॉट को छात्र के प्रमाणपत्र पर अंकित किया जाता है. इससे यहां से निकलने पर उच्च शिक्षा या जॉब के समय उन्हें परेशानी भी होती है.