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प्रभात खबर पड़ताल: ठंड ने दी दस्तक पर मुजफ्फरपुर के रैन बसेरे बदहाल, कहीं पुलिस का कब्जा तो कहीं ठहर रहे परीक्षार्थी

आश्रय विहीन लोगों के लिए शहर में नौ जगहों पर रैन बसेरा (आश्रय गृह) बने हैं. इसमें से भगवानपुर सदर थाना के समीप जो रैन बसेरा बना है. उसमें पुलिस का कब्जा है. रैन बसेरा के अगल-बगल में गंदगी का भी अंबार लगा है. वहीं चंदवारा में सबसे बड़ा रैन बसेरा बना है. जहां सबसे अधिक 50 बेड की संख्या है, बाकि रैन बसेरा में सामान्य तौर पर 10-10 बेड लगाने की क्षमता है. फिलहाल कोरोना के कारण छह-सात की संख्या में बेड लगे हैं.

आश्रय विहीन लोगों के लिए शहर में नौ जगहों पर रैन बसेरा (आश्रय गृह) बने हैं. इसमें से भगवानपुर सदर थाना के समीप जो रैन बसेरा बना है. उसमें पुलिस का कब्जा है. रैन बसेरा के अगल-बगल में गंदगी का भी अंबार लगा है. वहीं चंदवारा में सबसे बड़ा रैन बसेरा बना है. जहां सबसे अधिक 50 बेड की संख्या है, बाकि रैन बसेरा में सामान्य तौर पर 10-10 बेड लगाने की क्षमता है. फिलहाल कोरोना के कारण छह-सात की संख्या में बेड लगे हैं.

रैनबसेरा में भोजन की व्यवस्था नहीं

ठंड को देखते हुए नगर निगम ने आश्रय गृह में व्यवस्था तो की है, लेकिन स्टेशन रोड जिला परिषद रैन बसेरा को छोड़ बाकी किसी भी रैन बसेरा में रात्रि में जो लोग ठहरने के लिए पहुंचते हैं. उनके लिए भोजन की व्यवस्था नहीं है. जबकि, सरकार की तरफ से 24 घंटे भोजन की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी गयी है. इसके लिए नगर निगम को अलग से फंड भी मुहैया कराया जाता है.

आइटीआइ की परीक्षा देने आये हुए छात्र रैनबसेरा में 

कलमबाग चौक पर जो रैन बसेरा बना है. यहां फिलहाल छह बेड लगाये गये हैं. रात्रि में चार लोग ठहरे थे. दो छात्र बेतिया से आइटीआइ की परीक्षा देने आये हुए है. दो बेड खाली था. ड्यूटी में विकास कुमार नाम का कर्मी तैनात था. जिसने बताया कि सुबह में जो लोग रहते हैं. उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन रात्रि में भोजन नहीं मिल पाता है. रात्रि में जो लोग ठहरने के लिए आते हैं. वे सभी बाहर से ही खाना खाकर आते हैं.

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आरडीएस कॉलेज चौक : बिना कनेक्शन के लगी है टीवी

आरडीएस कॉलेज गेट के समीप बने रैन बसेरा में व्यवस्था रहते गुरूवार की रात अव्यवस्था दिखी. यहां भी छह बेड लगाये गये थे. चार बेड पर लोग बिना मच्छरदानी के सोेये थे.. चादर व कंबल भी साफ नहीं था. मनोरंजन के लिए यहां टेलीविजन लगा है, लेकिन उसमें कनेक्शन ही नहीं है. रैन बसेरा के गेट पर दोनों तरफ से सब्जी की अवैध दुकानें सजी रहती है.

स्टेशन रोड जिला परिषद : ड्यूटी से गायब मिले कर्मी

स्टेशन रोड के जिला परिषद ऑफिस के बगल में जो रैन बसेरा बना है. यहां रात्रि में भी भोजन की व्यवस्था दिखी. रैन बसेरा के बगल में बने कमरा में एक महिला खाना बनाती नजर आयी, लेकिन रैन बसेरा में जो लोग ठहरने के लिए आते हैं. कोई भी लोग रात्रि में भोजन नहीं करते हैं. रात्रि में ड्यूटी से कर्मी गायब मिले. बिना इंट्री के लिए लोग ठहरे हुए थे. व्यवस्था रहते यहां अव्यवस्था का माहौल दिखा.

स्टेशन रोड मालगोदाम चौक :10 बेड की क्षमता,19 लोग ठहरे

स्टेशन रोड मालगोदाम चौक के समीप रैन बसेरा है. इसमें क्षमता से अधिक लोग ठहरे थे. दस बेड लगा है, लेकिन रात्रि में 19 लोग ठहरे हुए थे. आइटीआई का परीक्षा देने के लिए मोतिहारी व बेतिया से आये छात्र सबसे अधिक ठहरे थे. अंदर में जगह नहीं मिलने पर रैन बसेरा के बाहरी पैसेज में भी आठ लोग सोते दिखे. रैन बसेरा के ही एक हिस्सा में एनयूएलएम का ऑफिस भी बना है. जिसमें कर्मी काम करते दिखे. यहां भी रात्रि में भोजन की व्यवस्था नहीं दिखी.

जिला स्कूल : एक भी लोग नहीं, खाली था हॉल

जिला स्कूल पानी टंकी चौक के समीप जो रैन बसेरा बना है. उसमें ड्यूटी में तैनात कर्मी के अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति नहीं ठहरे हुए थे. यहां भी दस बेड लगाये गये हैं. निगम की तरफ से मच्छरदानी व कंबल की भी व्यवस्था की गयी है, लेकिन ठहरने वाले आश्रय विहीन की ही संख्या गायब दिखी. कर्मी ने बताया कि देर रात में रिक्शा चलाने वाले दो-तीन लोग आकर ठहरते हैं.

साफ-सफाई के बीच लगाये गये थे बेड

जेल चौक रैन बसेरा में दस बेड लगाने की क्षमता है. फिलहाल सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए छह बेड लगाये गये है,बाकि रैन बसेरा से बेहतर यहां की सफाई व्यवस्था है. बेड पर साफ कंबल व चादर बिछाये गये हैं. यहां भी जिला स्कूल रैन बसेरा जैसा ही हाल है. व्यवस्था तो निगम की तरफ से की गयी है, लेकिन ठहरने वाले लोगों की संख्या नगण्य है. तैनात कर्मी का कहना है कि रात्रि में कभी एक तो कभी दो-तीन रिक्शा चालक आते हैं.

Posted by: Thakur Shaktilochan

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