मुजफ्फरपुर : बारिश के पानी की निकासी नहीं होने के कारण अघोरिया बाजार व प्रोफेसर कॉलोनी समेत शहर के कई इलाके में 2 से 3 फुट तक पानी जमा हुआ है. गन्नीपुर केंद्रीय विद्यालय परिसर व इसके आसपास के मुहल्लों में जमा लोगों के घरों में चला गया है. इससे वार्ड नंबर 29 की पार्षद रंजू सिन्हा का आवास सहित गन्नीपुर का इंस्पेक्टर लॉज, रिफ्यूजी कॉलोनी, नुनफर, मुस्लिम बस्ती, चतुर्भुज ठाकुर मार्ग, आरडीएस कॉलेज परिसर, रामदयालुनगर स्टेशन रोड पूरी तरह जलमग्न हो गया है. सड़क के किनारे जितने भी घर बने हैं, सभी के कैंपस व निचले फ्लोर में दो से तीन फीट तक पानी जमा हो गया है. केंद्रीय विद्यालय परिसर के अलावा स्कूल के कई क्लास रूम में पानी घुसा है. केंद्रीय विद्यालय से सटे हनुमान नगर, संतसंग गली, श्रम कार्यालय व एफएसएल ऑफिस के आसपास का भी पूरा इलाका जलमग्न हो गया है. ऐसे में इन इलाके में रहने वाले लोगों का पिछले 24 घंटे से निकलना मुश्किल हो गया है.
वार्ड नंबर 31 में पड़ने वाला अतरदह के गुप्ता कॉलोनी मुहल्ला के दर्जनभर से अधिक लोगों ने घर में ताला मार दूसरे जगह शिफ्ट कर गये हैं. इसका एक मात्र कारण जलजमाव है. हल्की बारिश में ही जलजमाव की समस्या झेलने वाले इस मुहल्ला की स्थिति 24 घंटे के भीतर रुक-रुक कर हुई मूसलाधार बारिश के बाद काफी बिगड़ गयी है. आसपास में गंदगी व जंगल रहने के कारण बारिश के पानी के साथ घर में विषैला जीव-जंतु के भी घुसने की आशंका हमेशा बनी रह रही है. ऐसे में डरे-सहमे लोगों ने अपने छोटे-छोटे बच्चे को लेकर सुरक्षित ठिकाने पर शरण लेना ही उचित समझ रहे हैं. जो बच्चे मुहल्ला में फिलहाल रह रहे हैं. वे काफी डरे-सहमे हुए हैं. लोगों की शिकायत पर वार्ड नंबर 31 के पार्षद पति जीवेश कुमार पहुंचे, लेकिन फिलहाल जलनिकासी की कोई व्यवस्था नगर निगम की तरफ से नहीं होता देख वे भी लोगों को जल्द ही समस्या का समाधान होने का आश्वासन देकर वापस लौट गये
जलजमाव की शिकायत पर अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद ने प्रभावित केंद्रीय विद्यालय के आसपास के इलाके का दौरा किया. इसके बाद पंपिंग सेट लगा पानी निकासी कराने का निर्देश सर्किल इंस्पेक्टर को दिया था. साथ ही शर्मा लॉज गन्नीपुर के समीप एक कलभर्ट निर्माण कराने का प्रस्ताव तैयार कर नगर आयुक्त को दिया. हालांकि, इन बिंदुओं पर कोई कार्रवाई होती. इससे पहले ही लगातार हुई भारी बारिश से पूरा इलाका पानी में डूब गया है.
लगातार हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. साग-सब्जी, दवाई सहित आवश्यक सामग्री की खरीदारी के लिए भी घर से निकलना मुश्किल हो गया है. ऑफिस जाने वाले लोग प्लास्टिक में कपड़ा लेकर घर से मुख्य रोड तक निकल रहे हैं. फिर वहां से कपड़ा पहन ऑफिस जाते हैं. पानी इतना ज्यादा जमा हो गया है कि बाइक व चार चक्का गाड़ी का भी निकलना मुश्किल है.
जिले में लगातार हो रही बारिश से सदर थाना परिसर और इसके कमरे में जलजमाव हो गया है. पूरे परिसर में दो से ढाई फुट पानी लगा है. इसमें विषैले सांप बिच्छु आदि चल रहे है. हालांकि, वर्तमान में कई पुलिसकर्मियों के कोरोना संक्रमित हो जाने की वजह से कुछ दिन पूर्व ही सदर थाना को खबड़ा स्थित भेल कॉलोनी में शिफ्ट कर दिया गया था. लेकिन, वरीय अधिकारियों ने हाल में ही भगवानपुर स्थित पुराने थाना में एक बार फिर सभी पुलिसकर्मियों को शिफ्ट होने का निर्देश दिया है. इसके बाद से पुलिसकर्मियों में काफी बेचैनी है. जलजमाव और विषैले जीव जंतुओं को लेकर पुलिस कर्मी परेशान है. यहां पर रहने व काम करने में काफी परेशानी होगी. थानेदार के कक्ष तक पानी पहुंच चुका है. हाजत में पानी लगा है. पुलिसकर्मियों के रहने वाले कमरा के छत से भी पानी का रिसाव हो रहा है. इससे सभी पुलिसकर्मियों को भगवानपुर स्थित थाने में रहने के निर्देश से परेशान हो गये हैं.
इधर लगातार हो रही बारिश से बेला इंडस्ट्रियल एरिया डूब गया है. बेला फेज वन में 60 और फेज टू में 40 फैक्ट्रियों के अंदर तीन फीट पानी लग गया है. उद्यमियों को चिंता सताने लगी है कि अगर लगातार बारिश होती रही, तो इस बार भी बियाडा डूब जायेगा और लाखों का नुकसान उन्हें उठाना होगा. लघु उद्योग भारती के सचिव व उद्यमी नरेंद्र कुमार ने कहा कि बेला औद्योगिक क्षेत्र में जलजमाव की समस्या से उद्यमियों को इस साल भी निजात नहीं मिलेगी. माॅनसून के दस्तक के बाद भी बियाडा से पानी निकासी की व्यवस्था की पहल नहीं की गयी. बियाडा के विकास पदाधिकारी सौम्य वर्मा ने कहा कि जलजमाव की समस्या न हो, इसके लिए पंप लगाये जा रहे हैं. जो बंद नाले हैं, उनकी सफाई करायी जा रही है.
posted by ashish jha