24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बंदियों तक पहुंची राखी, बहनें खुद नहीं बांध सकीं

बंदियों तक पहुंची राखी, बहनें खुद नहीं बांध सकीं

रोती आंखों ने बताया, भाई को राखी नहीं बांधने का गम सेंट्रल जेल में दो बजे तक 100 से अधिक युवती व महिलाएं पहुंचीं मुजफ्फरपुर. शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के बंदियों की कलाई पर इस बार बहनें खुद से राखी नहीं बांध सकीं. सुबह आठ से दोपहर के दो बजे तक जो बहन राखी लेकर जेल के गेट पर पहुंची थी, वहां मौजूद सिपाहियों ने उनकी राखी रिसीव की. बंदी तक राखी पहुंचा दी गयी. लेकिन, दो बजे के बाद जो भी बहनें पहुंची उन्हें निराशा हुई. कई बहनों की आंखों में आंसू थे. उन्हें वापस घर लौटना पड़ा. जेल प्रशासन की ओर से परिसर में सुरक्षा दृष्टिकोण से एंट्री नहीं दी गई थी. हालांकि, राखी बंदियों तक पहुंचे उसकी व्यवस्था की गई थी. जेल अधीक्षक ब्रिजेश सिंह मेहता ने बताया कि सोमवार को मुलाकाती पर रोक रहती है. इसके अलावा, सुरक्षा के मद्देनजर अंदर जेल के अंदर आकर राखी बांधने पर रोक लगायी गयी है. लेकिन, जो बहन राखी लेकर पहुंची थी, उनमें से करीब 100 को गेट पर रिसीव कर उनके भाई तक पहुंचा दिया गया. इसके लिए सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक समय तय हुआ था. लेकिन, रक्षा बंधन को देखते हुए दो बजे तक गेट पर राखी रिसीव की गयी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें