Ration Card Bihar: राशन कार्ड सरेंडर करने के बाद परिवार के अलग-अलग यूनिट के लिए बनेगा कार्ड, जानें क्या मिलेगा लाभ

जिले के तीन दिन के दौरे पर आये राज्य खाद्य आयोग के चेयरमैन विद्यानंद विकल ने माना कि पीडीएस सिस्टम में अभी भी कई खामियां हैं. इसे कुछ दिनों में ठीक कर लिया जायेगा. इसके लिए कई स्तर पर काम चल रहा है. सर्किट हाउस में गुरुवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा करने के बाद चेयरमैन ने कहा कि जिले में 388 पीडीएस दुकान की रिक्ति है. जून तक सभी दुकानें खुल जायेंगी.

By Prabhat Khabar News Desk | February 12, 2021 1:52 PM

जिले के तीन दिन के दौरे पर आये राज्य खाद्य आयोग के चेयरमैन विद्यानंद विकल ने माना कि पीडीएस सिस्टम में अभी भी कई खामियां हैं. इसे कुछ दिनों में ठीक कर लिया जायेगा. इसके लिए कई स्तर पर काम चल रहा है. सर्किट हाउस में गुरुवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा करने के बाद चेयरमैन ने कहा कि जिले में 388 पीडीएस दुकान की रिक्ति है. जून तक सभी दुकानें खुल जायेंगी.

उन्होंने कहा कि राशन कार्ड के अतिरिक्त राशन पहचान पत्र बनाने पर भी विचार चल रहा है. जल्द ही कार्ड बनाने का काम शुरू होगा. इससे बाढ़ और आपदा के समय राशन वितरण में सहुलियत होगी. परिवार के सदस्यों के लिए अलग-अलग राशन कार्ड की चर्चा करते हुए कहा कि परिवार में जिनके के नाम से कार्ड है, उनको पहले कार्ड सरेंडर करना होगा. इसके बाद अलग-अलग यूनिट के लिए राशन कार्ड निर्गत होगा. इसके प्रपत्र ‘ख’ में आवेदन करना है.

नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि प्रत्येकि महीने डीएम, एसडीएम और एडीएम स्तर के अधिकारी को पीडीएस दुकान का निरीक्षण कर आयोग को रिपोर्ट करनी है. बैठक में अधिकारियों से निरीक्षण रिपोर्ट मांगी गयी है. लाभुक की शिकायत दर्ज करने के लिए कॉल सेंटर और हेल्प लाइन नंबर जारी करना है. इन सभी मसले पर निर्देश दिया गया है. बताया गया है कि सिविल सप्लाइ के मामले की सुनवाई के लिए जिले में एडीएम स्तर के अफसर को जिम्मेदारी मिलनी चाहिए.

एसएफसी के सभी 18 गोदाम में अनाज तौलने के लिए कांटा लगा है, लेकिन इसका उपयोग नहीं हो रहा है. समीक्षा के दौरान इस मसले पर सवाल उठाया गया. हालांकि अधिकारियों ने दावा किया कि तौल होती है. चेयरमैन ने कहा कि इसकी जांच होगी. उन्होंने कोरोना काल में आवंटित अनाज का रिपोर्ट देने को कहा है. साथ ही यह भी कहा कि पीडीएस दुकान में पॉश मशीन लगने से पहले और बाद में अनाज के आवंटन का तुलनात्मक ब्योरा उपलब्ध कराया जाए, ताकि पता लगे कि अनाज के उठाव में किस स्तर पर गड़बड़ी हो रही है.

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अनाज के लोडिंग-अनलोडिंग में मजदूरों को कम पैसा मिलने के बारे में चर्चा हुई. चेयरमैन ने कहा कि इस तरह की शिकायत मिल रही है कि तय दर से कम पैसा मजदूरों को मिलता है. इसके वजह से अनाज का तौल करना नहीं चाहते हैं. मजदूरों से बात करने के बाद आगे की कार्रवाई करने की बात कही. कोरोना काल में पीडीएस विक्रेताओं को मार्जिन मनी के तौर पर 70 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 2 करोड़ राशि दी गयी है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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