संवाददाता, मुजफ्फरपुर जुलाई में साइबर अपराधियों के खिलाफ की गयी ठोस कार्रवाई पर मुजफ्फरपुर साइबर थाने को सूबे में दूसरा स्थान मिला है. इओयू ने सूबे के सभी 40 थानों की प्रोग्रेस रिपोर्ट जारी की है. इसमें सारण जिले को पहला स्थान मिला है. तीसरे स्थान पर औरंगाबाद, चौथे पर लखीसराय, राजधानी पटना का साइबर थाना पांचवें स्थान पर रहा है. रिपोर्ट जारी करने के लिए इओयू ने पांच पैरामीटर सेट किये हैं. इसमें जिले में साइबर फ्रॉड के कुल मामले कितने आए. कितनी प्राथमिकी दर्ज की गयी. एफआइआर का प्रतिशत कितना रहा, कितनी साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की गयी. कितनी राशि साइबर फ्रॉड की होल्ड करायी गयी, पीड़ित के खाते में कितने रुपये वापस कराया गये आदि बिंदुओं पर परीक्षण हुआ. मुजफ्फरपुर जिले में जुलाई में साइबर फ्रॉड की 414 मामले आये. इसमें 23 प्राथमिकी दर्ज की गयी. इसका प्रतिशत 7.76 रहा. 10 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. साइबर फ्रॉड की कुल राशि 27 लाख 8 हजार रुपये होल्ड करायी गयी और पीड़ित के खाते में चार लाख 13 हजार 500 रुपये वापस कराये गये. वहीं, सारण जिले की साइबर थाने की पुलिस के पास 285 मामले आए इसमें से 32 में प्राथमिकी दर्ज की गयी. यहां एफआइआर का प्रतिशत 11.23 रहा. हालांकि, साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी में सारण मुजफ्फरपुर की साइबर थाने की पुलिस से पीछे रह गयी. जहां, मुजफ्फरपुर में 10 साइबर अपराधी पकड़े गए थे. वहीं सारण में सिर्फ छह की गिरफ्तारी हुई है. सारण साइबर पुलिस ने 37 लाख 16 हजार रुपये होल्ड करायी और 14 लाख रुपये पीड़ितों के खाते में वापस करायी इस वजह से वह टाॅप पर रही. हालांकि, ओवरऑल गिरफ्तारी में सबसे अधिक नवादा जिले में 11 साइबर अपराधी को दबोचा गया है. मुजफ्फरपुर की साइबर डीएसपी सह थानेदार सीमा देवी ने बताया कि साइबर अपराधियों के खिलाफ जिला पुलिस मजबूती से कार्रवाई कर रही है. जुलाई में हम दूसरे स्थान पर रहे हैं. लेकिन, आने वाले महीनों में हम पहले स्थान पर आने की कोशिश करेंगे. साइबर थाने के साथ-साथ जिला पुलिस की टीम लगातार इसके लिए प्रयास कर रही है. जुलाई में टॉप टेन साइबर थाने 1. सारण 2. मुजफ्फरपुर 3. औरंगाबाद 4. लखीसराय 5. पटना 6. कटिहार 7. रोहतास 8. सीतामढ़ी 9. भोजपुर 10. नवादा
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