– किसी कारण एप बंद होने पर भी इसका ट्रैकिंग सिस्टम काम करता रहेगा – सेक्टर अधिकारियों के वाहनों में जीपीएस होना अनिवार्य वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर लोकसभा चुनाव में पूरी तरह से पारदर्शिता बरतने, निगरानी करने और बेहतर तरीके से चुनाव संपन्न कराने को लेकर आयोग पूरी सावधानी बरत रहा है. चुनाव के दौरान कुछ इवीएम को रिजर्व रखा जाता है, ताकि किसी बूथ पर इवीएम में तकनीकी खराबी आये तो वहां तुरंत उसे रिप्लेस किया जा सके. इन रिजर्व एटीएम की निगरानी के लिए चुनाव आयोग एली-ट्रेसेज नामक एप को तैयार किया है जिसे मतदान अधिकारियों के मोबाइल में एली-ट्रेसेज नाम एप अपलोड किया जायेगा. इससे मतदान अधिकारियों की ट्रैकिंग के साथ इवीएम की गतिविधि पर पूरी नजर रखी जा सकेगी. इससे यह फायदा होगा कि इवीएम के खराब होने की सूचना मिलने पर फौरन अधिकारी उसे रिप्लेस कर सकेंगे ताकि अधिक देर तक मतदान की प्रक्रिया बाधित नहीं हो. जिन अधिकारियों के पास यह ईवीएम रहेगा, उनके मोबाइल में यह अपलोड होगा. इसमें मतदान अधिकारी का मोबाइल नंबर दर्ज होगा. इस ऐप की खासियत यह है कि अगर किसी कारणवश बंद भी रहे या उपयोगकर्ता को दिखाई नहीं दे, फिर भी इसका ट्रैकिंग सिस्टम काम करता रहेगा. इसकी ट्रैकिंग जिला मुख्याल्य स्तर पर बनाए गए कंट्रोल रूम से होगी. यह आम जनता के लिए नहीं है, विशेष रूप में चुनाव संबंधित कार्य और खासकर ईवीएम की गतिविधि पर विशेष रूप से निगरानी के लिए इसे विकसित किया गया है. बताते चलें कि पहले भी चुनाव में गिने चुने कुछ बूथों पर इवीएम खराब होने की शिकायत मिलती थी. इसके बाद इवीएम बदलने को लेकर थोड़ी बहुत परेशानी होती थी.
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एली-ट्रेसेज एप से रिजर्व इवीएम की होगी निगरानी
एली-ट्रेसेज एप से रिजर्व इवीएम की होगी निगरानी
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