-सेना से मिली सशर्त एनओसी – नगर निगम बोर्ड से टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी – वार्ड 9 व 10 की बड़ी आबादी को मिलेगी राहत – 5 महीने बाद हुई निगम बोर्ड की मीटिंग -जलजमाव, सफाई व पेयजल की सर्वाधिक शिकायतें मुजफ्फरपुर.चक्कर मैदान के आसपास के मोहल्ले में रहनेवालों को अब अगले साल से जलजमाव की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा. सड़क भी अच्छी हो जायेगी. सेना से मिले सशर्त अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बाद नगर निगम अब कागजी कार्रवाई में जुट गया है. शनिवार को मेयर निर्मला साहू की अध्यक्षता में नगर निगम बोर्ड की मीटिंग हुई. इसमें सड़क व नाला निर्माण की सहमति मिल गयी है. इंजीनियरों को एस्टीमेट बनाकर टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ करने को कहा है. दो से तीन महीने में टेंडर की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद छह माह के भीतर काम पूरा हो जायेगा. इससे अगले साल मॉनसून में चक्कर मैदान के आसपास रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. इसके अलावा नगर निगम बोर्ड ने शहरी क्षेत्र के ऐसे मोहल्ले को चिह्नित करने का आदेश दिया है, जिसमें नल-जल के लिए पाइपलाइन नहीं बिछी है. विभिन्न पार्षदों की तरफ से उठाए गए मुद्दे के बाद महापौर व नगर आयुक्त नवीन कुमार ने कहा कि वे जल्द ही ऐसे सभी वार्ड के मोहल्ले का सर्वे कराएंगे, जहां नल-जल का सप्लाई नहीं हो रहा है. वार्ड नंबर 31 की पार्षद रुपम कुमारी ने श्रावणी मेला के मद्देनजर रामदयालुनगर से अघोरिया बाजार चौक के बीच दो जगहों पर सबमर्सिबल कराने की मांग की है. इससे कांवरिया के साथ-साथ आसपास के लोगों को भी पेयजल संकट से राहत मिलेगी. वार्ड नंबर 39 की पार्षद मधु विजेता ने प्रभात सिनेमा रोड, पुरानी गुदरी रोड, महाराजी पोखर आदि में नल-जल की पाइपलाइन नहीं बिछाई जाने की शिकायत की. वार्ड 32 की पार्षद आरती राज ने आनंद मार्ग, पोखरिया पीर व आंबेडकर नगर में पानी सप्लाई नहीं होने की शिकायत करते हुए अविलंब इस समस्या के निदान कराने को कहा है. उप महापौर डॉ मोनालिसा के अलावा निगम अधिकारी, इंजीनियर व पार्षद मीटिंग के दौरान मौजूद थे. ——————— प्लास्टिक के पाइपलाइन से पानी सप्लाई कारगर नहीं, लोहे की पाइप बिछे वार्ड 21 के पार्षद केपी पप्पू ने कहा कि शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री नल-जल योजना कारगर साबित नहीं हो रही है. इस योजना पर जितनी राशि अब तक शहरी क्षेत्र में खर्च हुई है, इतनी राशि में लंबे समय के लिए पहले की तरह लोहे का मोटा वाला पाइप लाइन बिछाई जा सकती थी. जगह-जगह किये जा रहे सबमर्सिबल के बदले उच्च क्षमता की बोरिंग (जलापूर्ति पंप) होनी चाहिए. इससे जहां शहर का भू-जल स्तर सही रहेगा. वहीं, पानी की भी सप्लाई ठीक से होगी. नगर आयुक्त ने कहा कि विभाग से ही दिशा-निर्देश है कि सप्लाई के पानी के लिए प्लास्टिक की ही पाइप बिछाना है. इस पर सदस्यों ने कहा कि बोर्ड से लोहे की पाइपलाइन बिछाने का प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेज दें. इसके बाद सर्वसम्मति से इसके प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है. —— शहर में पौधरोपण की सूचना नहीं देने पर भड़कीं मेयर -मेयर को नहीं दी जानकारी और तिथि तय कर दी बोर्ड मीटिंग के दौरान पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से प्रत्येक वार्ड में पौधरोपण कराने से संबंधित प्रस्ताव पर जब चर्चा शुरू हुई, तब नगर आयुक्त ने कहा कि उन्होंने सर्वे करा के कहां-कहां पौधे लगाने हैं, इसकी सूची तैयार करते हुए तिथि भी तय कर दी है. अगले सप्ताह से इसकी शुरुआत होगी. इसपर मेयर निर्मला साहू भड़क गयीं. कहा कि जब तिथि तय कर ही ली है तो फिर चर्चा किस बात की कर रहे हैं. बिना महापौर व उपमहापौर को जानकारी दिये कैसे तिथि तय की गयी. नगर आयुक्त ने कहा कि कैसे और कहां से चूक हुई है, इसे देखते हुए आगे से इसका ध्यान रखेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है