आरपीएफ के पास भी होगी शातिरों की कुंडली
आरपीएफ के पास भी होगी शातिरों की कुंडली
-ट्रेन में पॉकेटमारी, नशाखुरानी व मोबाइल की छिनतई करनेवालों की बन रहा है डाटा बैंक-रेल पुलिस की मदद से आरपीएफ जुटा रही शातिरों का ब्योरा, सेंट्रल सर्वर पर होगा अपलोड मुजफ्फरपुर. रेलवे में अपराध करने वाले शातिर अपराधियों की कुंडली अब आरपीएफ के पास भी होगी. इसके लिए आरपीएफ की तरफ से डाटा बैंक बनाकर सभी अपराधियों की तस्वीर सहित पूरा कारनामा सुरक्षित करने की कवायद शुरू हो गयी है. आरपीएफ अपने सेंट्रल सर्वर पर भी इसे अपलोड करेगा. आरपीएफ को डाटा बैंक तैयार करने में मुजफ्फरपुर रेल पुलिस भी मदद कर रही है. पिछले 15 दिनों में अब तक दो सौ से अधिक शातिरों का ब्योरा जुटाया जा चुका है. इसमें अपराधियों व उनके पारिवारिक इतिहास को फोटो के साथ अपलोड किया जा रहा है. ताकि, घटना होने या उसकी रोकथाम के लिए एक क्लिक पर अपराधियों का पूरा ब्योरा मिल सके. यह पहली बार है जब पुलिस से इतर अपराधियों का रिकॉर्ड आधारित डाटा बैंक आरपीएफ तैयार कर रही है. डाटा बैंक में झपटमार, नशाखुरानी और पॉकेटमारों की संख्या सबसे अधिक है. मोबाइल झपटमारी में स्थानीय काजी मोहम्मदपुर, सदर और ब्रह्मपुरा थाना इलाके के शातिर अधिक है. वहीं, नशाखुरानी में मुजफ्फरपुर के अलावा सारण, चंपारण, सीतामढ़ी व हाजीपुर के बदमाश अधिक हैं. पॉकेटमारी और चोरी में यूपी के साथ पश्चिम बंगाल के शातिर भी शामिल हैं. इसमें महिलाओं की संख्या अधिक बतायी गयी है. आरपीएफ प्रभारी मनीष कुमार ने बताया कि डाटा बैंक तैयार कर अपराधियों पर निगरानी रखी जाएगी.
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