वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बीआरएबीयू व संबद्ध सभी कॉलेजों में छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. इसको लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कुलपति व सभी कॉलेजों के प्राचार्य को पत्र भेजा है. यूजीसी के सचिव सुदीप सिंह जैन की ओर से भेजे पत्र में कहा गया है कि 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन को लेकर मनाये जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय दिवस से शुरू होकर 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस तक परिसर में छात्राओं को उनके सुरक्षा अधिकारी की जानकारी दी जायेगी. इस दौरान उन्हें हेल्दी रिलेशनशिप, गुड व बैड टच, लैंगिक हिंसा, दुर्व्यवहार, मर्यादा कायम रखने व महिलाओं के साथ सम्मान का भाव रखने के लिए जागरूक किया जायेगा. इसको लेकर कार्यशाला, सेमिनार, क्विज व लेखन स्पर्धा होगी. सोशल मीडिया पर भी अभियान के माध्यम से बाल विवाह, कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले सेक्शुअल ह्रासमेंट के रोकथाम को लेकर प्रावधान, घरेलू हिंसा जैसी परिस्थिति से निपटने के लिए छात्राओं को अवेयर किया जाएगा. सी-बॉक्स पोर्टल पर करें शिकायत, पहचान उजागर नहीं होगी छात्राएं, महिला शिक्षक या कर्मचारी कार्यस्थल, शिक्षण संस्थान या अन्य कार्य स्थलों पर होने वाले किसी भी दुर्व्यवहार या ह्रासमेंट की शिकायत मिनिस्ट्री ऑफ वुमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट की ओर से विकसित सी-बॉक्स पोर्टल पर कर सकती हैं. इसमें सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट तथा प्राइवेट सेक्टर के लिए शिकायत का अलग-अलग विकल्प दिया गया है. यहां उन्हें अपनी बेसिक डिटेल्स के साथ शिकायत करनी है. उनकी पहचान को गोपनीय रखते हुए मंत्रालय इसपर त्वरित संज्ञान लेकर संबंधित संस्थान को मामले में कार्रवाई करने का निर्देश देगी. साथ ही संस्थान के स्तर से की गयी कार्रवाई का स्टेट्स भी आवेदक पोर्टल पर देख सकेंगी. इस पोर्टल के साथ ही घरेलू हिंसा अधिनियम-2005, सेक्सुअल ह्रासमेंट एक्ट-2013, पॉक्सो एक्ट-2012, भारतीय न्याय संहिता-2023 व भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 में महिला सुरक्षा को लेकर किये गये विशेष प्रावधान के संबंध में जानकारी भी देनी है. इमरजेंसी रिस्पांस के लिए डायल-112, वुमेन हेल्पलाइन-181, चाइल्ड लाइन-1098 के उपयोग के बारे में भी छात्राओं को जागरूक किया जायेगा. इसको लेकर परिसर में पोस्टर व अन्य माध्यमों से भी जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं. ———————- सभी कोर्स में यह जानकारी देनी अनिवार्य : यूजीसी ने कहा है कि विवि व कॉलेजों में संचालित होने वाले स्नातक, पीजी समेत सभी कोर्स में छात्र-छात्राओं को इन नियमों की जानकारी आवश्यक रूप से दें. इसके लिए नामांकन के साथ ही इंडक्शन मीट के दौरान बच्चों को अवेयर करने व सप्ताह में एक दिन इंट्रोडक्टरी सेशन में छात्र-छात्राओं को उनके सुरक्षा अधिकारों, शोषण के खिलाफ उनके अधिकारों के बारे में अवेयर करना है.
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