मुजफ्फरपुर जिले में पेंडिंग चल रहे कांडों के निष्पादन में दिलचस्पी नहीं लेनेवाले 9 थानेदार समेत 208 दारोगा- जमादार का वेतन रोका गया है. लॉकडाउन में केस निष्पादन को दिए गए टारगेट को पूरा नहीं करने पर एसएसपी जयंतकांत ने यह कार्रवाई की है.
साहेबगंज, सिकंदरपुर ओपी, हथौड़ी, मुसहरी, पीयर, हत्था ओपी, पानापुर (मीनापुर) ओपी, बेला, बरियारपुर ओपी प्रभारी सहित सभी आईओ को चेतावनी दिया गया है कि उनके पास जिन- जिन कांडों का चार्ज है उस केस को अपडेट कर निष्पादन को लेकर वरीय पदाधिकारियों का निर्देश लेकर निष्पादन की दिशा में कार्रवाई करें तभी सभी पुलिस पदाधिकारियों का वेतन रिलीज किया जाएगा.
जिले में वर्तमान में 16 हजार 500 से अधिक केस लंबित चल रहे हैं. इसमें सबसे अधिक शहरी थानों के अहियापुर, नगर और सदर ,पश्चिमी अनुमंडल में कांटी, मोतीपुर और कुढ़नी और पूर्वी अनुमंडल में सकरा, मीनापुर में सबसे ज्यादा केस पेंडिंग चल रहा है. पेंडिंग कांडों में 1500 ऐसे केस है, इसमें आईओ सिर्फ चार्ज लेते हैं और ट्रांसफर होने के बाद दूसरे पदाधिकारियों को केस का चार्ज सौंपकर चले जाते हैं.
एसएसपी जयंतकांत पेंडिंग केस के निष्पादन को लेकर हर महीने क्राइम मीटिंग में पेंडिंग केस के निष्पादन को लेकर समीक्षा करते हैं. बताया जाता है कि एसएसपी ने लॉक डाउन में एसएसपी ने केस डिस्पोजल को लेकर सभी थानेदारों को टारगेट दिया था. इसमें पेंडिंग केसों की संख्या 10 हजार के आसपास लाना था. लेकिन, अनुसंधान विंग में तैनात पुलिस पदाधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. जब एसएसपी ने समीक्षा किया तो 208 दारोगा जमादार की लापरवाही सामने आई. फिर सभी के वेतन पर रोक लगा दिया गया है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan