मुजफ्फरपुर.
बेपटरी हुई नगर निगम ऑफिस की कार्यप्रणाली को सुदृढ़ करने की प्रशासनिक कवायद तेज हो गयी है. निगम ऑफिस में धीरे-धीरे नगर आयुक्त विक्रम विरकर की सख्ती दिखने लगा है. 11 बजे लेट नहीं और तीन बजे भेंट नहीं वाली प्रथा के साथ काम करने वाले निगम के स्थायी व अस्थायी कर्मियों की मुश्किलें बढ़ गयी है. देर से ऑफिस आने व समय से पहले ऑफिस से निकलने वाले कर्मियों की सैलरी काटने का आदेश दिया गया है. यही नहीं, ऑफिस के विभिन्न शाखाओं में क्षमता से अधिक कर्मियों की तैनाती की भी जांच-पड़ताल शुरू हो गयी है. कौन कर्मी क्या काम कर रहा है. नगर आयुक्त एक-एक कर्मियों की पूरी जानकारी ले रहे हैं. विभिन्न आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से काम से ज्यादा कंप्यूटर ऑपरेटर की विभिन्न शाखाओं में हुई बहाली पर भी तिरछी निगाहें पड़ गयी है. बारी-बारी से सभी के कार्यों की गहन समीक्षा गुरुवार से शुरू हो गयी. कौन कंप्यूटर ऑपरेटर पूरे दिन क्या काम किये. प्रतिदिन लिखित रूप में काम का जिक्र करते हुए पूरी जानकारी नगर आयुक्त ऑफिस में जमा करना होगा.विधि शाखा की समीक्षा, दिये कई निर्देश
नगर आयुक्त ने विधि शाखा की गुरुवार को समीक्षा की. इस दौरान हाईकोर्ट से संबंधित केस की पूरी जानकारी ली. कोर्ट में जितने केस की सुनवाई चल रही है. सभी केसों की पूरी विस्तृत जानकारी के साथ सूची तैयार करने का आदेश दिया है. ताकि, नगर निगम समय से जवाब हाईकोर्ट में भेज सके. समीक्षा के दौरान पेशकार सहित अन्य कर्मियों को कई तरह के आवश्यक निर्देश भी दिये गये है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है